Bhavna Bohra News: भावना बोहरा ने विधानसभा में स्वास्थ्य सेवाओं और पर्यटन सहित इन पर उठाया मुद्दा...

Bhavna Bohra News: पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने विधानसभा में स्वास्थ्य सेवाओं और पर्यटन स्थलों के विकास व उन्नयन एवं उत्कृष्ट खिलाड़ियों को प्रोत्साहन का उठाया मुद्दा

Update: 2025-12-16 16:15 GMT

Bhavna Bohra News: पंडरिया। छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र की तीसरे दिन पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने पर्यटन स्थलों के विकास व उन्नयन, खिलाड़ियों को प्रोत्साहन और स्वास्थ्य सेवाओं के सन्दर्भ में विधानसभा में प्रश्न किया। इस दौरान उन्होंने विगत पांच वर्षों में प्रदेश के पर्यटन स्थलों के विकास और उन्नयन, प्रदेश के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को प्रदत्त सुविधाओं, डॉ.भीमराव अम्बेडकर अस्पताल में उपकरणों के संधारण और लैब में रिएजेंट किट का मुद्दा सदन के समक्ष उठाया।

भावना बोहरा ने मरीजों को मुख्य शारीरिक जांच हेतु निजी लैब में जांच कराने की हो रही असुविधा के बारे में प्रश्न पूछा की प्रदेश के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय (मेकाहारा) में रेडियोलॉजी और पैथोलॉजी विभाग की कौन-कौन सी प्रमुख मशीनें (जैसे-एमआरआई, सिटी स्कैन,एक्स-रे,सोनोग्राफी) पिछले 3 महीने या उससे अधिक समय से खराब या बंद पड़ी हैं? क्या शासन ऐसी स्थिति में बीपीएल (BPL) और आयुष्मान कार्ड धारकों द्वारा बाहर से कराई गई जाँच का पैसा प्रतिपूर्ति करने का प्रावधान रखता है? और खराब मशीनों को सुधारने के लिए एनुअल मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट एजेंसी के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है और ये मशीनें कब तक सुधार कर जनता के लिए उपलब्ध हो जाएंगी? जिसके लिखित प्रतिउत्तर में लोक स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया कि चिकित्सालय में उपलब्ध जॉच बी.पी.एल. (BPL) आयुष्मान कार्ड धारकों को निःशुल्क उपलब्ध कराया जाता है, आवश्यकतानुसार डी. के. एस. सुपरस्पेशियलिटी चिकित्सालय, रायपुर से जांच कराए जाने पर भुगतान इस चिकित्सालय के स्वशासी मद से किया जाता है। बी.पी.एल. और आयुष्मान कार्ड धारकों द्वारा बाहर कराई गयी जांच का पैसा प्रतिपूर्ति करने का प्रावधान नहीं है। चूंकि जाँच सुविधाएं चिकित्सालय में उपलब्ध है। चिकित्सालय में स्थापित मशीनें के वार्षिक रख-रखाव का प्रावधान किया गया है। मंत्री जी ने बताया की अस्पताल में 1 एमआरआई, 1 यूएसजी, सिटी स्कैन,2 एक्स-रे,1 पोर्टेबल एक्स-रे मशीन, 1 ऑटोमेटेड टीश्यू प्रोसेसर मशीन, 1 ऑटोमेटीक स्टेनिंग मशीन, 1 एल.बी.सी मशीन वर्तमान समय में अपनी निर्धारित आयु पूर्ण कर चुकी है जिस वजह से बंद है।

भावना बोहरा ने प्रदेश के विभिन्न शासकीय अस्पतालों एवं चिकित्सालयों में रिएजेंट किट्स के सन्दर्भ प्रश्न किया कि राज्य के विभिन्न शासकीय अस्पतालों एवं चिकित्सालयों के लैब में रिएजेंट किट्स की कुल कितनी आवश्यकता है? क्या मांग के अनुरूप रिएजेंट किट्स की आपूर्ति विभाग द्वारा की जा रही है? कबीरधाम जिले के किन-किन शासकीय अस्पतालों एवं चिकित्सालयों के लैब में वर्तमान में कौन-कौन सी जारी परीक्षणों के लिए आवश्यक रिएजेंट किट्स की कमी है? रिएजेंट किट्स की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अस्पतालों द्वारा मांग, विभाग द्वारा खरीदी, निविदा एवं वितरण की क्या प्रक्रिया है ? उक्त प्रक्रिया की अवधि पूर्ण होने तक मरीजों के परीक्षण हेतु अस्पताल प्रबंधनों को कितना बफर स्टॉक रखने का निर्देश है? माननीय स्वास्थ्य मंत्री जी ने लिखित उत्तर देते हुए बताया कि सी.जी.एम.एस.सी. में क्रय की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। वर्तमान में रिएजेंट किट्स की मांग के अनुरूप आपूर्ति हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी/सिविल सर्जन को राशि जारी किया गया अवधि पूर्ण होने तक मरीजों के जाँच परीक्षण हेतु अस्पताल प्रबंधकों को रिएजेंट किट का वार्षिक मांग के 10 प्रतिशत बफर स्टॉक रखने का निर्देश है। मंत्री जी ने बताया कि कबीरधाम जिला अंतर्गत जिला चिकित्सालय कबीरधाम, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स.लोहारा, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पंडरिया, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बोडला एवं झलमला और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पिपरिया में रिएजेंट किट्स की कमी होना बताया जिसके लिए भावना बोहरा ने स्वास्थ्य मंत्री से रिएजेंट किट्स की कमी को यथासंभव उपलब्धता सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

भावना बोहरा ने प्रदेश एवं विशेषकर पंडरिया विधानसभा में पर्यटन स्थलों के विकास व उन्नयन के विषय में प्रश्न किया कि पिछले पाँच वर्षों में सरकार द्वारा पर्यटन स्थलों के विकास, उन्नयन एवं रखरखाव पर कुल कितना व्यय किया गया है? राज्य में पर्यटन से पिछले पाँच वर्षों में कुल कितनी आय हुई है? किन-किन स्रोतों से आय प्राप्त हुई है? पिछले पाँच वर्षों में कितने नए पर्यटन स्थलों का किस-किस योजना के तहत विकास किया गया है और उनकी वर्तमान स्थिति क्या है? राज्य में पर्यटन विकास हेतु संचालित कितने प्रोजेक्ट PPP ( पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर संचालित हैं? ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए विभाग ने कितने एवं कौन कौन से नए स्थलों का चयन किया गया है? राज्य में पर्यटन को 'उद्योग' का दर्जा तो दिया गया है किन्तु क्या इसके क्रियान्वयन, निवेश एवं सेट अप हेतु कोई समुचित परियोजना, नीतिगत उपाय या योजना तैयार की गई है?

विभागीय मंत्री राजेश अग्रवाल ने लिखित उत्तर देते हुए बताया कि पिछले पांच वर्षों में छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के द्वारा चिन्हांकित पर्यटन स्थलों के विकास हेतु कुल राशि रुपये 9707,63 लाख व्यय किया गया है। राज्य में पर्यटन से छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड को पिछले पांच वित्तीय वर्षों में कुल राशि रू. 40,67,35,907 की आय प्राप्त हुई है. आय का मुख्य स्त्रोत जिसमें होटल/मोटल/रिसॉर्ट/विश्रामगृह से प्राप्त राशि एवं निजी होटल के पंजीयन शुल्क से प्राप्त राशि है, पिछले पांच वर्षों में चिन्हांकित किए गए नए पर्यटन स्थलों में विकास कार्य नहीं किया गया है। भारत सरकार, वित्त मंत्रालय की "कैपिटल इंवेस्टमेंट हेतु राज्यों को विशेष सहायता योजना 2024-25 ग्लोबल स्केल स्तर के आइकॉनिक टूरिस्ट सेंटर के विकास" के अंतर्गत नवा रायपुर में "वित्रोत्पला फिल्म सिटी का निर्माण कार्य एवं "ट्रायबल एवं कल्चरल कंवेन्शन सेंटर" के निर्माण, दोनों योजनाओं का क्रियान्वयन PPP मॉडल पर संचालित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। नवीन पर्यटन नीति तैयार की जा रही है जिसके अंतर्गत ईको टूरिज्म स्थलों का चयन एवं ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने संबंधी प्रावधान किया जायेगा। नवीन औद्योगिक विकास नीति 2024-2030 में पर्यटन को सेवा क्षेत्र में सम्मिलित किया गया है। इस योजना के तहत देश एवं राज्य के प्रमुख शहरों में पर्यटक संपर्क एवं रोड-शो का आयोजन किया जा रहा है। अब तक तीन स्थानों बस्तर, रायपुर तथा नई दिल्ली में इनका आयोजन किया जा चुका है जिसमें 1581,30 करोड़ के निवेश प्रस्ताव हेतु निवेश आमंत्रण तथा स्वीकृति पत्र प्रदाय किये गये, जिससे इस सेक्टर में लगभग 3928 व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजन का अनुमान है।

उन्होंने राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने हेतु वर्तमान में लागू नीति के बारे में प्रश्न किया कि पिछले पाँच वर्षों में दुर्ग संभाग के कितने उत्कृष्ट खिलाड़ियों को किस खेल श्रेणी के अंतर्गत कौन-कौन से पदों पर सरकारी नौकरी प्रदान की गई है? खिलाड़ियों को दी जाने वाली अन्य सुविधाएँ-जैसे छात्रवृत्ति, खेल प्रोत्साहन राशि, नौकरी में आरक्षण/प्राथमिकता, विशेष प्रशिक्षण, आवास/भोजन सुविधा वर्तमान में सरकार द्वारा क्या-क्या सुविधाएं दी जा रही हैं? और क्या सरकार भविष्य में उत्कृष्ट खिलाड़ियों के लिए नई या संशोधित नीति लाने पर विचार कर रही है? उनके प्रश्न के प्रतिउत्तर में लिखित जवाब देते हुए उप मुख्यमंत्री अरुण साव जी ने बताया कि राज्य में उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने हेतु वर्तमान में "छत्तीसगढ़ राज्य शासकीय सेवा में उत्कृष्ट खिलाड़ी भर्ती नियम, 2010 के संशोधन दिनांक 20 मई 2016 के बिन्दु "छ" लोक सेवा आयोग की परिधि में आने वाले सीधी भर्ती के पदों को छोड़कर, शासन के सभी विभागो के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के सीधी भर्ती के उपलब्ध रिक्त पदों पर, उत्कृष्ट खिलाड़ियों की नियुक्ति का प्रावधान है।" खेल एवं युवा कल्याण विभाग अंतर्गत पिछले पाँच वर्षों में उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी प्रदान नहीं की गई है।

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