बस्तर ओलंपिकः छत्तीसगढ़ में खेल के माध्यम से विकास और संस्कृति को बढ़ावा देने की साय सरकार की अनूठी पहल
Bastar Olympics: छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने बस्तर ओलंपिक के जरिये सूबे के विकास और संस्कृति को बढ़ावा देने की पहल की है। यह पहला मौका होगा, जब बस्तर ओलंपिक के नाम से नक्सल प्रभावित बस्तर में बड़े लेवल पर खेल का आयोजन किया जा रहा है।
रायपुर। जनजातीय बाहुल्य और माओवाद प्रभावित बस्तर संभाग में खेल के माध्यम से विकास और संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा बस्तर ओलंपिक-2024 का आयोजन किया गया। इस आयोजन को लेकर युवाओं में विशेष उत्साह देखा जा रहा है, जिसमें सुदूर गांवों से आए युवा अपने खेल कौशल का प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री ने इस पहल को जनजातीय संस्कृति और पारंपरिक खेलों के संरक्षण के साथ ही, युवाओं को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण प्रयास बताया है। नारायणपुर जिले में विकासखंड स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन 9 से 16 नवंबर तक किया गया। जिसमें नारायणपुर विकासखंड हेतु प्रतियोगिता का आयोजन 9 से 11 नवंबर तक नारायणपुर के परेड ग्राउंड और खेल परिसर में किया गया, जिसमें जिले के खिलाड़ियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
ओरछा विकासखंड स्तरीय प्रतियोगिता 14 से 16 नवंबर तक, फिर 19 से 21 नवंबर तक जिला स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा, जिसमें जिले भर के खिलाड़ियों को भाग लेने को मौका मिलेगा। बस्तर ओलंपिक के आयोजन के तहत प्रथम चरण में 6 नवम्बर से 16 नवम्बर तक विकासखण्ड स्तरीय खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही है। दूसरे चरण में 19 नवम्बर से 26 नवम्बर तक जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी। इसके बाद अंतिम चरण में संभाग स्तरीय खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी। बस्तर ओलंपिक में युवा खो-खो, कब्बडी, बालीबाल, ऊंची कूद, तवाफेक, फुटबाल, गोलाफेक, तीरदांजी, बैडमिन्टन जैसे खेलों का आयोजन किया जा रहा है।
नारायणपुर जिले में विकासखंड स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन 09 से 16 नवंबर तक किया गया, जिसमें नारायणपुर विकासखंड हेतु प्रतियोगिता का आयोजन 09 से 11 नवंबर तक नारायणपुर के परेड ग्राउंड और खेल परिसर में किया गया, जिसमें जिले के खिलाड़ियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। ओरछा विकासखंड स्तरीय प्रतियोगिता 14 से 16 नवंबर तक आयोजन किया गया। आज विकासखण्ड स्तरीय बस्तर ओलंपिक के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राज्य सरकार के वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, कौशल विकास, सहकारिता और संसदीय कार्य मंत्री श्री केदार कश्यप शामिल हुए।
मंत्री केदार कश्यप के द्वारा बस्तर ओलंपिक 2024 के विकासखंड ओरछा के विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार वितरण किया। उन्होंने खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ जीवन में खेल भी महत्वपूर्ण होता है। इसलिए खेल में लक्ष्य निर्धारित कर अपने जीवन को आगे बढ़ाने के लिए परिश्रम करना आवश्यक है। प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मंशानुरूप गांव के प्रतिभाओं को निखारने का अच्छा समय मिला है इस अवसर का फायदा उठाते हुए राज्य स्तर तक पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित कर खेल के क्षेत्र में आगे बढ़े। खिलाड़ियों को हमेशा खेल भावना के साथ खेलकर अपने अनुशासन का परिचय देना चाहिए। उन्होंने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि अबूझमाड़ क्षेत्र के बच्चों ने मलखम्भ खेलों का हुंनरबाज बनकर देश के कई शहरों में प्रदर्शन कर अपने अबूझमाड़ का नाम रोशन किया है।
समापन अवसर रुदाय वडडे एवं उनके साथियों तथा सुमीता कोर्राम एवं उनके साथियों के बीच रस्साकसी का आयोजन किया गया, जिसमें प्रथम स्थान रुदाय वडडे की टीम एवं द्वितीय स्थान सुमीता कोर्राम की टीम ने प्राप्त किया। आयोजन में सहभागिता प्रदान करने वाले खिलाड़ियों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्तकर्ता खिलाड़ी को पुरस्कार स्वरूप मोमेंटों, ट्राफी, प्रमाण पत्र और गणवेश भी प्रदाय किया गया। आयोजन में भाग लेने वाले समस्त प्रतिभागियों को समहभागित प्रमाण पत्र प्रदाय किया गया।
खिलाड़ियों ने सीएम का जताया आभार
नारायणपुर में हुए आयोजन में बोरावण्ड गांव से आए युवाओं ने बताया कि उन्हें इस कार्यक्रम में भाग लेकर अत्यधिक आनंद मिल रहा है। खिलाड़ियों ने बताया कि यहां उन्हें ठहरने, भोजन, पेयजल और ड्रेस जैसी सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। बोरावण्ड के खिलाड़ी जयसिंह, रजनु यादव, अमर सिंह मंडावी, सियालाल नाग और उनके साथी बस्तर ओलंपिक में अपने खेल को निखारने के इस अवसर के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अबूझमाड़ के सुदूर पहुंचविहीन गांव के प्रतिभावान युवाओं के खेल प्रतिभा को निखारने के लिए यह उनकी सराहनीय पहल है। उन्होंने बताया कि कबड्डी पुरुष वर्ग में उनकी टीम ने विकासखंड स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया, जिसके लिए उन्हें ट्रॉफी, मेडल और टीम को ड्रेस प्रदान किया गया। जिला स्तर के आगामी आयोजन के लिए उनकी टीम अत्यधिक उत्साहित है और श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए तैयार है।
अबूझमाड़ में आया सकारात्मक बदलाव
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में अबूझमाड़ क्षेत्र में सुरक्षा और आधारभूत सुविधाओं में लगातार सुधार हो रहा है। इस क्षेत्र में माओवादी घटनाओं में कमी आई है और लोगों का जीवन स्तर भी बेहतर हो रहा है। अबूझमाड़ के संवेदनशील इलाकों में सड़क, बिजली, पानी, आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल और उप-स्वास्थ्य केंद्र जैसी बुनियादी सुविधाएं स्थापित की जा रही हैं। ईरकभट्टी, मसपुर और गारपा जैसे दूरस्थ गांवों तक अब पक्की सड़कें बन चुकी हैं, जिससे इन गांवों के निवासियों को शहरों और बाजारों से जोड़ने में आसानी हो रही है। नारायणपुर से गारपा और मसपुर तक बस सेवाओं की शुरुआत भी इस क्षेत्र के विकास में एक अहम कदम है, जिससे लोगों को यातायात में सहूलियत मिल रही है।
मुख्यमंत्री साय के कुशल नेतृत्व और विकासोन्मुख नीतियों का सकारात्मक असर अबूझमाड़ के जनजीवन पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। सुरक्षा में वृद्धि, सड़क संपर्क, और विभिन्न सुविधाओं की उपलब्धता ने यहां के निवासियों को राजधानी और अन्य शहरी क्षेत्रों से जोड़ने का कार्य किया है। अबूझमाड़ के लोग अब अपने गांवों में रहते हुए भी बेहतर अवसर प्राप्त कर रहे हैं और विकास की मुख्यधारा में सम्मिलित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री साय का मानना है कि ऐसे आयोजन न केवल युवाओं को खेल के माध्यम से एक मंच प्रदान करते हैं, बल्कि उन्हें सामाजिक और मानसिक रूप से भी सशक्त बनाते हैं। उनके नेतृत्व में बस्तर संभाग में खेल प्रतिभा के विकास और युवाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव का यह प्रयास प्रशंसनीय है।
निखर रहीं ग्रामीण खेल प्रतिभाएं
बस्तर संभाग के सभी जिलों में इन दिनों बस्तर ओलिंपिक का आयोजन हो रहा है। अबूझमाड़ जैसे बेहद पिछड़े ईलाके में भी बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक बस्तर ओलंपिक में हिस्सा ले रहे है। बस्तर ओलंपिक के शुभंकर मस्कट वनभैंसा और पहाड़ी मैना सबच्चें, युवा और आम नागरिक को आकर्षित हो रहे है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की विशेष पहल पर बस्तर संभाग में बस्तर ओलंपिक का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य राज्य के जनजातीय बहुल क्षेत्रों के खिलाड़ियों की खेल प्रतिभा को निखारना है और उन्हें रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ना है। मुख्यमंत्री साय ने बस्तर अंचल के लोगों से इन खेल प्रतियोगिताओं में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि राज्य में खेल और खिलाड़ियों को लगातार प्रोत्साहन दिया जा रहा है और बस्तर अंचल में नई खेल अधोसंरचनाएं विकसित की जा रही है।
बचपन की यादें हो रही ताजा
बस्तर ओलंपिक में ऐसे खेल शामिल किए गए है जिसे ग्रामीणजन हमेशा से गांवों में खेलते आएं है। ग्रामीण परिवेश से जुड़े खेल होने के कारण बिना किसी हिचक के इन खेलों में उत्साह के साथ शामिल हो रहे है। इन आयोजनों में स्कूली बच्चों, ग्रामीण महिलाओं और बुजुर्गो को भी आनंद मिल रहा है। विशेषकर बुजुर्गो को अपने स्कूली जीवन और बचपन की याद ताजा हो रही है। नारायणपुर के बोरावण्ड गांव के खिलाड़ी जयसिंह, रजनु यादव और उनके साथियों ने बस्तर ओलंपिक में अपने खेल को निखारने के इस अवसर के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त किया और उन्होंने कहा कि अबूझमाड़ के सुदूर पहुंचविहीन गांव के प्रतिभावान युवाओं की खेल प्रतिभा को निखारने के लिए यह उनकी सराहनीय पहल है। उन्होंने बताया कि कबड्डी पुरुष वर्ग में उनकी टीम ने विकासखंड स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया, जिसके लिए उन्हें ट्रॉफी, मेडल और टीम को ड्रेस प्रदान किया गया।
जिला स्तर पर बेहतर प्रदर्शन के लिए तैयार है। जनजातीय बाहुल्य और माओवाद प्रभावित बस्तर संभाग में खेल के माध्यम से विकास और संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा बस्तर ओलंपिक 2024 का आयोजन किया गया। इस आयोजन को लेकर युवाओं में विशेष उत्साह देखा गया, जिसमें सुदूर गांवों से आए युवा अपने खेल कौशल का प्रदर्शन किया गया। मुख्यमंत्री ने इस पहल को जनजातीय संस्कृति और पारंपरिक खेलों के संरक्षण के साथ ही युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण प्रयास बताया है।
इन्होंने दर्ज की जीत
विकासखण्ड ओरछा अंतर्गत आयोजित खेल में 100 मीटर दौड़ अंतर्गत सीनियर पुरूष वर्ग में प्रथम स्थान कमलू नुरेटी, द्वितीय राकेश कुमार, तृतीय विवके मरकाम, महिला सीनियर वर्ग में प्रथम स्थान धनबती राना, द्वितीय रमोली, तृतीय दिनेश्वरी, 200 मीटर दौड़ अंतर्गत पुरूष वर्ग में प्रथम स्थान कमलूराम नुरेटी, द्वतीय राकेश कुमार, तृतीय राजेश, महिला वर्ग में र्प्रथम धनबती राना, द्वितीय रमोली, तृतीय जैनी नुरेटी, 400 मीटर दौड़ अंतर्गत पुरूष वर्ग में प्रथम स्थान लक्ष्मण पोटाई, द्वितीय धनसिंग वड्डे, तृतीय कमलूराम, महिला वर्ग में प्रथम स्थान सावित्री, द्वितीय विमला मण्डावी, तृतीय अंजू, गोला फेंक अंतर्गत सीनियर पुरूष वर्ग में प्रथम स्थान सुकलू उसेण्डी, द्वितीय पिलेश, तृतीय नीरज उसेण्डी, महिला वर्ग में प्रथम स्थान रोशनी उसेण्डी, द्वितीय सरस्वती यादव, तृतीय जैनी नुरेटी, उंची कुद अंतर्गत पुरूष वर्ग में प्रथम स्थान ललित कुमार वडडे, द्वितीय भीम कोर्राम, तृतीय राकेश कोर्राम, महिला वर्ग में प्रथम स्थान सुमिता कोर्राम, द्वितीय सपीना कोर्राम, तृतीय रोशनी उसेण्डी, लंबी कूद अंतर्गत पुरूष वर्ग में प्रथम स्थान रामजी, द्वितीय रोहित, तृतीय सुरेन्द्र, महिला वर्ग में पथम स्थान सावित्री, द्वितीय जैनी नुरेटी, तृतीय विमला दुग्गा, तवा फेंक अंतर्गत पुरूष वर्ग में मुकेश, द्वितीय निरज उसेण्डी, तृतीय असवन कुमार, महिला वर्ग में प्रथम सुमिता, द्वितीय रमोली, तृतीय रासो, 400 मीटर रिले अंतर्गत पुरूष वर्ग में प्रथम स्थान श्रवण कुमार नुरेटी, विवके मरकाम, वैभव ठाकुर, नीरज उसेण्डी, द्वितीय स्थान धनसिंग वडडे, लक्ष्मण कुमार मण्डावी, विजय कुमार उसेण्डी, लक्ष्मण कुमार पोयाम, तृतीय संतराम कोर्राम, रामजी कोर्राम, सुरेन्द्र गोटा, राजेश कोर्राम, महिला वर्ग में पथम स्थान रैयमती, धनबती, जैनी, मनीषा, द्वितीय स्थान सावित्री, देलेश्वरी, रवीना, किरन, भाला फेंक अंतर्गत पुरूष वर्ग में प्रथम स्थान मनोज सलाम, द्वितीय सुखलू उसेण्डी, तृतीय असवन कुमार, बैडमिंटन (एकल) अंतर्गत पुरूष वर्ग में प्रथम स्थान रजनू मण्डावी, द्वितीय संजय गोटा और तृतीय स्थान अरूण कचलाम ने प्राप्त किया।