Ambikapur News: धर्मांतरण का खेल: महिला पर एफआईआर; 6 नाबालिग बच्चियों को पालकों को बताए बगैर धर्मांतरण के लिए ले जा रही थी
Ambikapur Dharmantaran News: अंबिकापुर जिले के मैनपाट ब्लॉक में धर्मांतरण का एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां आदिवासी समुदाय की 6 नाबालिग बच्चियों को प्रलोभन देकर कथित रूप से ईसाई धर्म में परिवर्तन कराने की कोशिश की गई।मामले में एफआईआर कायम की गई है।
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Ambikapur News: अंबिकापुर। धर्मांतरण का दंश अंबिकापुर जिले में देखने को मिला है। बिना परिजनों को बताए आदिवासी समुदाय के 6 नाबालिक बच्चियों को प्रलोभन देकर ईसाई धर्म में परिवर्तन करवाने महिला लेकर जा रही थी। प्रार्थना सभा में ले जाने के दौरान कुछ लोगों ने महिला और बच्चियों को पकड़ा तथा थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है। मामला मैनपाट थाना क्षेत्र का है। इस मामले में पुलिस ने आरोपी महिला आरती मांझी के खिलाफ छत्तीसगढ़ धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 1968 की धारा 5 (क) के तहत मामला दर्ज किया है।
घटना रविवार की बताई जा रही है, जब केसरा और सरभंजा गांव की 6 बच्चियों को आरती माझी नामक महिला कथित तौर पर बिना परिजनों की जानकारी के बरिमा गांव में आयोजित एक प्रार्थना सभा और बत्तिसमा (बपतिस्मा) कार्यक्रम में लेकर जा रही थी। बरिमा चर्च से जुड़े इस आयोजन के दौरान स्थानीय युवक दिलवर यादव और अन्य ने महिला को बच्चियों के साथ जाते हुए देखा और उन्हें रास्ते में ही रोक लिया।
पैसे का लालच देकर ले जाई जा रहीं थीं बच्चियां
धर्म रक्षा समिति के संयोजक दिलवर यादव ने बताया कि आरती माझी ने बच्चियों को 40-40 रुपए देकर प्रार्थना सभा में चलने के लिए प्रलोभित किया था। आरोप है कि महिला पिछले कुछ समय से क्षेत्र में ईसाई धर्म का प्रचार कर रही है और अब जब ग्रामीणों ने प्रार्थना सभाओं में जाना बंद कर दिया है, तो वह बच्चों को पैसे का लालच देकर वहां ले जा रही है। दिलवर के अनुसार, आरती माझी ने खुद स्वीकार किया कि उसने बच्चियों को ले जाने से पहले उनके माता-पिता से अनुमति नहीं ली थी।
जनप्रतिनिधियों ने जताई कड़ी नाराजगी
मामला सामने आने के बाद सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो ने कहा कि मैनपाट विकासखंड में बच्चियों के धर्मांतरण की गतिविधियां चिंताजनक हैं। इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कराई जाएगी। साथ ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
पुलिस ने परिजन का दर्ज किया बयान
परिजन को इस पूरी घटना की जानकारी मिली, तो उन्होंने बच्चियों के साथ थाने पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई। दिलवर यादव की रिपोर्ट पर कमलेश्वरपुर थाना पुलिस ने आरती माझी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और परिजन का बयान भी दर्ज किए। परिजन ने साफ कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी तक नहीं थी कि उनकी बच्चियां किसके साथ और कहां जा रहीं।