चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण विधेयक सदन में पेश होने से पहले ही विवादों में…..मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा- “सौदा होगा तो सब कुछ साफ हो जायेगा”…..

Update: 2021-07-27 09:48 GMT

रायपुर, 27 जुलाई 2021। चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज अधिग्रहण से पहले ही विवादों में घिर गया है। मीडिया में मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण को लेकर छपी रिपोर्ट्स के बाद आज दिन पर दिल्ली से लेकर रायपुर तक की राजनीति गरम रही। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह सहित कई राष्ट्रीय नेताओं ने ट्वीट कर इस मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को घेरा, हालांकि देर शाम मुख्यमंत्री ने खुद ही ट्वीट कर इस पूरे आरोपों पर सरकार का रूख स्पष्ट किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साफ कहा है कि ये किसी व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए नहीं, बल्कि प्रदेश के युवाओं को लाभ पहुंचाने और स्वास्थ्य संरचना को मजबूत करने के लिए किया गया प्रयास है।

इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री पियुष गोयल, सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर, संबित पात्रा सहित 50 से ज्यादा शीर्ष नेताओं ने ट्वीट कर सरकार के अधिग्रहण के फैसले को कटघरे में खड़ा किया। मीडिया रिपोर्ट्स में आरोप लगाये गये हैं कि जिस मेडिकल कालेज का अधिग्रहण सरकार करने जा रहीहै, उस कॉलेज में सरकार अपने कुछ करीबियों को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रही है।

हालांकि सरकार की तरफ से रविंद्र चौबे ने इसका पूरी तरह बेबुनियाद है। उन्होंने कहा है कि किसी भी मेडिकल कॉलेज को तैयार करने में 500 करोड़ से ज्यादा की लागत लगती है, वहीं लंबा वक्त भी लगता है, लेकिन चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कालेज को अधिग्रहित करने में उससे आधा रकम लग रहा है, ये छत्तीसगढ़ के हित में फैसला लिया गया है। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कालेज के अधिग्रहण का ऐलान काफी पहले कर दिया था। लेकिन कैबिनेट में इस पर फैसला 20 जुलाई को लिया गया।

कैबिनेट पर फैसले के बाद अब इसी सत्र में विधेयक के तौर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में अधिगह्रण विधेयक पेश किया जायेगा। लेकिन विधेयक पेश होने के पहले ही इसे लेकर विवाद शुरू हो गया है। संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ की पूरी जनता और छात्रों के हित में तथा प्रदेश में तेजी से चिकित्सा शिक्षा के विस्तार के उद्देश्य से चन्दूलाल चन्द्राकर स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय दुर्ग के अधिग्रहण का निर्णय लिया गया है। इससे चिकित्सा महाविद्यालय के रूप में एक तैयार अधोसंरचना का अधिग्रहण किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि आमतौर पर किसी चिकित्सा महाविद्यालय की अधोसंरचना को तैयार करने में ही करीब 500 करोड़ रूपए और काफी समय लग जाता है। मेडिकल कॉउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा मान्यता प्राप्त 150 सीट वाले चंदूलाल चंद्राकर स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय दुर्ग के अधिग्रहण से केवल आधी लागत में ही एक और शासकीय मेडिकल कॉलेज का लाभ प्रदेश की जनता को तत्काल मिल सकेगा।

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