IG सरगुजा के आरोप पत्र को हाईकोर्ट में चुनौती.. रिट स्वीकार.. हाईकोर्ट ने कहा – “सुनवाई की अगली तारीख़ तक याचिकाकर्ता के ख़िलाफ़ आप कोई कठोर कदम नहीं उठा सकते”

Update: 2020-01-10 09:07 GMT

बिलासपुर,10 जनवरी 2019। सड़क दूर्घटना के मामले को लेकर की गई कार्यवाही पर गांधीनगर के तत्कालीन टीआई इम्मानुएल लकड़ा और विवेचना अधिकारी अलंगो दास के विरुद्ध कर्तव्यविमुखता और संदिग्ध आचरण प्रदर्शन के आरोप के साथ जारी आरोप पत्र को चुनौती देने वाली याचिका को स्वीकार कर लिया है। हाईकोर्ट ने इस याचिका को चार हफ़्ते बाद सूचीबद्ध करने के निर्देश देते हुए जवाब तलब किया है।

हाईकोर्ट जस्टिस गौतम भादुड़ी ने इस मसले पर दायर रिट पिटीशन 85/2020 की सुनवाई के दौरान आदेश पत्र पर निर्देश दिया है –
“NO CORECIVE ACTION SHALL BE TAKEN AGAINST THE PETITIONER PUSUANT TO THE CHARGE SHEET ISSUED AGAINST HIM”

याने कि हाईकोर्ट कह रहा है –
“सुनवाई की अगली तारीख़ तक याचिकाकर्ता के ख़िलाफ़ जारी आरोप पत्र के अनुसार कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा”
याचिकाकर्ता की ओर से रिट में उल्लेख किया गया है कि, नियमों के अनुसार पुलिस महानिरीक्षक को आरोप पत्र जारी करने का अधिकार ही नहीं है, याचिकाकर्ता ने रिट में हाईकोर्ट बिलासपुर द्वारा समान प्रकरण में दायर रिट क्रमांक 4209/2015 में 19 जून 2018 को पारित आदेश का हवाला भी दिया है।

रिट क्रमांक 4209/2015 को लेकर जारी आदेश में यह निर्णय अंकित है कि
“THE INSPECTOR GENERAL OF POLICE DO NOT HAVE AUTHORITY TO ISSUE THE CHARGE SHEET”
जस्टिस गौतम भादुड़ी ने राज्य सरकार से यह जवाब माँगा है कि क्या राज्य शासन ने इस नियम पर कोई संशोधन किया है ताकि यह स्थापित हो सके कि आईजी को आरोप पत्र जारी करने का अधिकार है।

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