IAS Jitendra Pratap Singh News: कौन है आईएएस जितेंद्र प्रताप सिंह, जिनके एक एक्शन से भाजपा विधायकों के बीच छिड़ गयी जंग

IAS Jitendra Pratap Singh News: एक बार आईएएस जितेंद्र प्रताप सिंह(IAS Jitendra Pratap Singh) चर्चा में है. आईएएस जितेंद्र प्रताप सिंह वर्तमान में कानपुर के जिलाधिकारी हैं. वो कानपूर के सीएमओ हरिदत्त नेमी के साथ हुए विवाद के चलते चर्चे में हैं

Update: 2025-06-17 12:37 GMT

IAS Jitendra Pratap Singh

IAS Jitendra Pratap Singh News: एक बार फिर आईएएस जितेंद्र प्रताप सिंह(IAS Jitendra Pratap Singh) चर्चा में है. आईएएस जितेंद्र प्रताप सिंह वर्तमान में कानपुर के जिलाधिकारी हैं. वो कानपूर के सीएमओ हरिदत्त नेमी के साथ हुए विवाद के चलते चर्चे में हैं. इन दो बड़े अधिकारियों के बीच का यह विवाद अब राजनीति का केंद्र बन गया है. यह पहली बार नहीं है जब जितेंद्र प्रताप सुर्खियों में आए हो. इससे पहले भी ये अपने कार्यशैली के चलते सुर्खियों में रह चुके हैं. तो चलिए जानते है आईएएस जितेंद्र प्रताप सिंह के बारे में...

कौन है आईएएस जितेंद्र प्रताप सिंह

आईएएस जितेंद्र प्रताप सिंह 2013 के पीसीएस अधिकारी है. जो 31 मई 2019 को प्रमोशन पाकर आईएएस अधिकारी बने. आईएएस जितेंद्र प्रताप सिंह मूल रूप से फर्रुखाबाद के रहने वाले हैं. उनका जन्म 15 मार्च 1972 को हुआ. स्कूली शिक्षा के बाद उन्होंने एमए किया. एमए तक पढ़ाई करने के बाद जितेंद्र प्रताप सिंह ने यूपीपीएससी (UPPSC) के माध्यम से स्टेट प्रशासनिक सेवा की परीक्षा दी. जिसमे उनका चयन हुआ और वो 2013 में पीसीएस अधिकारी बने.

जितेंद्र प्रताप सिंह ने पीसीएस के रूप में कई जगह सेवा दी. वो कई अहम् पदों पर रहे. उन्होंने मंडी परिषद, लखनऊ में एडिशनल डायरेक्टर जैसे कई जिम्मेदारी संभाली. 31 मई 2019 को उनका प्रमोशन आईएएस पद पर हुआ. इसके बाद उन्हें  12 जुलाई 2019 से 2 मार्च 2021 तक राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद, लखनऊ का डायरेक्टर बनाया गया. इसके बाद आईएएस जितेंद्र प्रताप सिंह को कानपुर देहात का डीएम बनाया गया.

2022 तक जितेंद्र प्रताप सिंह इसी पद पर थे जहाँ से ट्रांसफर होने के बाद देवरिया का डीएम नियुक्त किया गया.  2023 तक देवरिया का डीएम रहने के बाद उन्हें बागपत का डीएम बनाया गया. पांच माह पहले ही जितेंद्र प्रताप सिंह लको कानपुर का जिलाधिकारी बनाया गया. जितेंद्र प्रताप सिंह अपनी ईमानदार छवि के कारण जाने जाते हैं. 

बागपत में चलवा दिया था बुलडोजर 

बागपत में डीएम रहने के दौरान आईएएस जितेंद्र प्रताप सिंह सुर्ख़ियों में आये थे. उन्होंने नकली पेयजल बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की थी. तहसील संपूर्ण समाधान दिवस में हिस्सा लेने के बाद, डीएम साहब जब एक थाने का निरीक्षण करने पहुंचे थे तो उन्हें पीने के लिए 'Bisleri' ब्रांड की जगह 'Bilseri' नाम की नकली पानी की बोतल दी गई थी. यह देखकर डीएम हैरान हो गए और तुरंत ही नकली पानी की बोतलों और खाद्य उत्पादों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया. जांच में पाया गया कि 'Bilseri', 'Bislari', और 'Bisalleri' जैसी नकली ब्रांड की बोतलें असली 'Bisleri' ब्रांड की नकल थीं. डीएम ने बारीकी से बोतल की जांच की और देखा कि उसमें कोई लाइसेंस नंबर नहीं था.  इसके बाद उन्होंने पानी की शुद्धता की जांच के आदेश दिए और हजारों नकली पानी की बोतलें बरामद की गईं. इन नकली बोतलों को बुलडोजर चलवा कर नष्ट कर दिया था. 

कानपुर सीएमओ समेत 34 स्वास्थ्य अधिकारियों का रोका था वेतन

कानपुर डीएम रहने के दौरान आईएएस जितेंद्र प्रताप सिंह ने कानपुर सीएमओ समेत 34 स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मचारियों का वेतन रोक दिया था. जिले में स्वास्थ्य संबंधी शिकायत मिलने के बाद जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय पर निरीक्षण करने पहुंच गए थे. जहाँ सीएमओ समेत 34 कर्मचारी एब्सेंट थे. जिसके बाद उन्होंने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का एक-एक दिन का वेतन काटने का आदेश जारी कर दिया था. 

अब क्यों है चर्चा में

आईएएस जितेंद्र प्रताप सिंह मुख्य चिकित्सा अधिकारी(CMO) के साथ चल रही विवाद के चलते चर्चे में हैं. शनिवार को नवीन सभागार में निर्माण कार्य और सीएम डैश बोर्ड की बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता डीएम कर रहे थे. इस बैठक में सीएमओ हरिदत्त नेगी भी पहुंचे थे. जहाँ डीएम ने सीएमओ को मीटिंग से निकाल दिया था. सीएमओ ने खुद इसकी पुष्टि की थी. दरअसल, बैठक में जिलाधिकारी ने डॉ. हरिदत्त नेमी से ऑडियो क्लिप्स के बारे में पूछा. इसपर उन्होंने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा आवाज उनकी नहीं है. AI से बनाया गया है. सीएमओ का आरोप है, डीएम ने उनसे कहा- CMO साहब आप तो AI हो गए थे, मगर आप तो जिंदा हो और यहां बैठे हो. इस पर डीएम ने कहा, आप इसकी जांच करें, किसने इस फेक ऑडियो को बनाया है, उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएं. उसके बाद डीएम ने सीएमओ का हाथ पकड़कर बाहर जाने को कहा था. 

दोनों अधिकारियों के विवाद में राजनीतिक एंट्री

अब इन दोनों अधिकारियों का विवाद इस कदर बढ़ा कि राजनीतिक एंट्री हो गयी. तीन तीन नेता सीएमओ के पक्ष में आ गए. विधानसभा अध्यक्ष और कानपुर के वरिष्ठ नेता सतीश महाना, गोविंदनगर से भाजपा विधायक सुरेंद्र मैथानी और एमएलसी अरुण पाठक ने सीएमओ के पक्ष में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को पत्र भेज दिया. जिसमे कहा गया कि कानपुर नगर में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ० हरिदत्त नेमी इनका कार्य एवं व्यवहार आम जनता व जनप्रतिनिधियों के प्रति मृदुल एवं सराहनीय है. आम जनमानस के हित हेतु भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं का कियान्वयन इन्होंने बड़ी ही लगन से संचालित किया है. सीएमओ को कानपुर में ही बनाए रखने का अनुरोध किया गया है. यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसी कड़ी में एक और नेता की एंट्री हुई जो डीएम के पक्ष में बोले. बिठूर से विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने सीएमओ डॉ. नेमी के खिलाफ सीएम योगी को पत्र लिखा. जिसमे सीएमओ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए है.

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