बजट बिग ब्रेकिंग : सरकारी कर्मचारियों को बजट में कोई भी राहत नहीं….टैक्स स्लेब में कोई भी बदलाव नहीं…. 75+ पेंशनभोगियों को अब इनकम टैक्स रिटर्न भरने की जरूरत नहीं…लेकिन ये रहेगी शर्त

Update: 2021-02-01 01:36 GMT

नयी दिल्ली 1 फरवरी 2021।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में 2021-22 का बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने सीनियर सीटीजन के लोगों को बड़ी राहत दी। उन्होंने ऐलान किया कि जो सीनियर सीटीजन 75 साल से ज्यादा हैं, उन्हें इनक टैक्स रिटर्न भरने की जरूरत नहीं होगी, अगर उनकी आय का साधन सिर्फ पेंशन है।

लेकिन टेैक्स स्लैब में कर्मचारियों को किसी भी तरह की कोई राहत नहीं मिली है। पहले कहा जा रहा था कि कर्मचारियों को टैक्स स्लैब में कुछ बदलाव हो सकता है। लेकिन कर्मचारियों के लिए टैक्स स्लैब में किसी भी तरह की कोई छूट नहीं दी गयी है। सरकारी कर्मचारियों के लिए आज के बजट में कुछ भी नहीं है। पूर्व की भांति सरकारी कर्मचारियों को इस दफा भी अपना रिटर्न भरना होगा। हालांकि वित्त मंत्री ने ये जरूर कहा है कि टैक्स प्रणाली को और भी सरल बनाया जायेगा।टैक्स भरने वाले करदाताओं को इस बार भी बजट में कुछ खास नहीं मिला है. ऐसे में मिडिल क्लास को बजट से पहले जितनी भी उम्मीदें थी, वो वैसी की वैसी ही रह गई हैं.

75 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को अब इनकम टैक्स रिटर्न भरने की जरूरत नहीं । अगर उनकी आय का साधन सिर्फ पेंशन है ।

छोटे करदाताओं को बोझ कम किया जायेगा। मुकदमों का बोझ भी कम किया जायेगा। विवाद समाधान समिति का गठन किया जायेगा।

कर व्यवस्था को कैशलेश करने की पूरी तैयारी है। ताकि गड़बड़ी ना हो । इलेक्ट्रानिक विधि से काम होगा।

डबल टेक्सेशन की परेशानियों को खत्म किया जायेगा।

डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दिया जायेगा।

असेसमेंट के लिए 6 साल पुराना और सीरियस केस में 10 साल पुराना खाता बही निकालना पड़ता है। इस टाइम लिमिट को घटा कर छह साल से तीन साल किया जाता है

निवेश आकर्षित करने के लिए कॉरपोरेट टैक्स घटाया गया, डिविडेंड टैक्स हटाया गया

वित्तीय घाटा का लक्ष्य 9.5 प्रतिशत रखा गया है। इमरजेंसी फंड 30,000 करोड़ रुपये। वित्तीय वर्ष में खर्च का लक्ष्य 34.5 लाख करोड़ रखा गया है।

वित्तीय घाटा 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसके लिए सरकार को 80 हजार करोड़ की जरूरत होगी, जो अगले दो महीनों में बाजार से लिया जाएगा। इमरजेंसी फंड 30,000 करोड़ रुपये। वित्तीय वर्ष में खर्च का लक्ष्य 34.5 लाख करोड़ रखा गया है।

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