Bilaspur High Court: बीएड-डीएलएड विवाद: सरकार के जवाब से नाराज हाई कोर्ट ने दी कार्रवाई की चेतावनी

Bilaspur High Court: बीएड-डीएलएड विवाद को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की नाराजगी भी अब खुलकर सामने आने लगी है। जस्टिस अरविंद वर्मा के सिंगल बेंच में सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता कार्यालय के ला अफसरों ने जब यह कि शैक्षणिक सत्र के बीच में इस तरह की प्रकिया पूरी करने से परेशानी आएगी। यह सुनते ही कोर्ट नाराज हो गया। कोर्ट ने राज्य शासन को 15 दिन का समय तो दिया पर इसे अंतिम मोहलत माना जा रहा है। कोर्ट ने दोटूक कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद यह साफ है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का हर हाल में परिपालन कराना है। अब अगर ऐसा नहीं हुआ तो हाई कोर्ट कड़ी कार्रवाई के लिए बाध्य होगा।

Update: 2024-12-11 06:47 GMT

Bilaspur High Court: बिलासपुर। बीएड-डीएलएड विवाद को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की नाराजगी भी अब खुलकर सामने आने लगी है। जस्टिस अरविंद वर्मा के सिंगल बेंच में सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता कार्यालय के ला अफसरों ने जब यह कि शैक्षणिक सत्र के बीच में इस तरह की प्रकिया पूरी करने से परेशानी आएगी। यह सुनते ही कोर्ट नाराज हो गया। कोर्ट ने राज्य शासन को 15 दिन का समय तो दिया पर इसे अंतिम मोहलत माना जा रहा है। कोर्ट ने दोटूक कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद यह साफ है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का हर हाल में परिपालन कराना है। अब अगर ऐसा नहीं हुआ तो हाई कोर्ट कड़ी कार्रवाई के लिए बाध्य होगा।

प्राइमरी स्कूल में डीएलएड उम्मीदवारों को सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति दी जानी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हो रही है। हाई कोर्ट के सिंगल बेंच ने इसके पहले की सुनवाई में राज्य शासन को दो सप्ताह का समय देते हुए बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों को सहायक शिक्षक के पद से हटाते हुए डीएलएड डिप्लोमाधारी युवाओं को मेरिट के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने और कोर्ट को जानकारी देने का निर्देश दिया था। कोर्ट के आदेश के बाद भी राज्य शासन द्वारा हीला-हवाला किया जा रहा है। मंगलवार को जस्टिस अरविंद वर्मा के सिंगल बेंच में अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई। बता दें कि निर्देश के बाद भी शासन स्तर पर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ ना किए जाने की शिकायत के साथ ही न्यायालयीन आदेश की उपेक्षा करने के आरोप में डीएलएड डिप्लोमाधारकों ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से राज्य शासन के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की है। राज्य सरकार को इसस मामले में अवमानना मामले का समाना भी करना पड़ा है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोटूक कहा कि आदेश की अवहेलना क्यों की जा रही है,समझ से परे है। सर्वोच्च न्यायालय के साथ ही हाई कोर्ट के निर्देश की अवेहलना गंभीर लापरवाही मानी जाएगी।

 कोर्ट ने पूछा, भर्ती के लिए और कितने दिन चाहिए

सुनवाई के दौरान कोर्ट की नाराजगी खुलकर सामने आई। महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारी से पूछा कि डीएलएड डिप्लोमाधारकों को सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने में और कितने दिन का समय चाहिए। सवाल पूछने के साथ ही कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया पूरी करने दो सप्ताह की मोहलत दी है। समय सीमा निर्धारित करने के साथ ही कोर्ट ने एजी कार्यालय के ला अफसर के माध्यम से राज्य शासन को चेतावनी दी कि तय समय सीमा में भर्ती प्रक्रिया पूरी ना करने की स्थिति में कार्रवाई के लिए तैयार रहें। बख्शा नहीं जाएगा, कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

 कोर्ट के इन सवालों का शासन ने नहीं दे पाया जवाब

जस्टिस अरविंद वर्मा ने कहा कि राज्य शासन की एसएलपी सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही खारिज कर दी है। हमने भी सहायक शिक्षक के पद पर डीएलएड डिप्लोमाधारी उम्मीदवार जिनको नियुक्ति दी जानी है,मेरिट के आधार पर सूची पेश करने और प्रक्रिया पूरी करने का आदेश पहले ही जारी कर दिया है। जिस तरह से अनावश्यक विलंब किया जा रहा है, इससे तो यही लगता है कि राज्य शासन ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन काे लेकर गंभीर नहीं है। कोर्ट की नाराजगी को देखते हुए एजी कार्यालय के विधि अधिकारी द्वारा डीएलएड अभ्यर्थियों की सूची पेश कर दी है, शासन की ओर से काेर्ट को बताया कि यही वह सूची है, जिनको सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति दी जानी है। सूची देखने के बाद कोर्ट ने पूछा कि अब और कितना समय चाहिए।

 शासन के जवाब से नाराज हुआ कोर्ट

राज्य शासन ने सूची पेश करने के बाद कहा कि शैक्षणिक सत्र के बीच में इस तरह की नियुक्ति प्रक्रिया काे जारी रखने से परेशानी होगी। इस जवाब का सुनकर नाराज कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की गंभीरता नहीं समझ रहे हैं। यह बेंच सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद छह महीने का समय और नहीं बढ़ा सकता। इस तरह का अधिकार हमारे पास नहीं है। कोर्ट ने राज्य शासन को 15 दिन के भीतर प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है।

 अवमानना याचिका पर हो रही है सुनवाई

डीएलएड अभ्यर्थियों ने राज्य शासन के खिलाफ हाई कोर्ट में चौथी अवमानना याचिका दायर की है। मामले की गंभीरता को देखते हुए बीते सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग के बड़े अफसरों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जोड़कर जवाब-तलब किया था। अफसरों के जवाब सुनने के बाद कोर्ट ने राज्य शासन काे 15 दिन की मोहलत दी थी।

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