सुकमा छात्रा से दुष्कर्म मामला, CM भूपेश ने पुलिस कार्रवाई की प्रशंसा की, आरोपियों को दिलाएंगे कड़ी सजा

Update: 2023-07-27 14:15 GMT

रायपुर। सुकमा जिले के एर्राबोर में कन्या आवासीय विद्यालय पोटा केबिन में अध्ययनरत बालिका के साथ हुए दुष्कृत्य मामले में थाना एर्राबोर में पाक्सो एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए आरोपी माड़वी हिरमा को गिरफ्तार किया गया। पाक्सो एक्ट के अंतर्गत आवासीय विद्यालय की अधीक्षिका पर भी पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए तत्परता से की गई कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सुकमा पुलिस की प्रशंसा की है। मुख्यमंत्री ने मामले में आरोपियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश अधिकरियों को दिये हैं।

उल्लेखनीय है कि इस मामले में सुकमा पुलिस अधीक्षक ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कोंटा के नेतृत्व में 8 सदस्यीय जाँच दल का गठन किया था। जांच दल ने लगभग 50 व्यक्तियों से पूछताछ की और काल रिकार्ड देखे। इसके आधार पर पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर माड़वी हिड़मा उर्फ राजू उम्र लगभग 35 साल निवासी एर्राबोर को गिरफ्तार किया है। प्रकरण में यह भी पाया गया कि प्रकरण में अधीक्षिका श्रीमती हिना ने उक्त आपराधिक घटना की जानकारी अपने वरिष्ठ कार्यालय एवं पुलिस को उचित समय पर नहीं दी। उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

मालूम हो कि इस घटना पर सीएम ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। सीएम ने बीते बुधवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि कोटा केबिन में छात्र के साथ दुष्कर्म हुआ वो बेहद निंदनीय है। पुलिस को जानकारी मिलते ही तत्काल कार्रवाई की गई। साथ ही कोटा केबिन की अधीक्षिका को सस्पेंड कर दिया गया है। शासन की ओर से पूरा न्याय पीड़िता को सरकार दिलाएगी। मुख्यमंत्री के इस बयां के बाद आज आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

जानिए क्या था मामला

राजधानी से 415 किलोमीटर दूर सुकमा कोटा केबिन, शासकीय कन्या आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाली एक नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म की वारदात बीते मंगलवार को सामने आई थी। घटना की जानकारी मिलते ही एसपी और कलेक्टर आवासीय विद्यालय में पहुंचे थे। इधर, मंत्री कवासी लखमा ने घटना की जांच के आदेश पुलिस को दिए थे। एसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के लिए आठ सदस्यता टीम गठित की गई थी।

टीम में कोंटा एडिशनल एसपी गौरव मंडल के नेतृत्व में पूरे मामले की जांच शुरू की। कलेक्टर ने भी पूरे मामले को गंभीरता से लिया है और आश्रम की अधीक्षक और सहायक अधीक्षिका को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया।मंगलवार को मीडिया से चर्चा में मंत्री लखमा ने कहा था कि इस घटना की निंदा करते है। कलेक्टर और एसपी को कड़े निर्देश दिए गए है।

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