Sarguja News: ऐसा क्या हुआ, सात दिनों में दूसरी बार गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व की देशभर में होने लगी चर्चा,टाइगर के बाद कहीं तेंदुए ने तो....

Sarguja News: उत्तर छत्तीसगढ़ का इलाका एक बार फिर सरगर्म हो गया है। एक सप्ताह के भीतर गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व की देशभर में फिर चर्चा होने लगी है। सप्ताह भर पहले टाइगर रिजर्व इलाके में टाइगर की मौत हो गई थी। तीन दिन वन विभाग के अफसरों को इसकी जानकारी तब मिली जब ग्रामीणों ने बताया। रिजर्व एरिया की एक बार फिर देशभर में चर्चा होने लगी है। टाइगर की मौत के बाद ऐसा क्या हुआ कि वन अफसरों के बीच हड़कंप मचा हुआ है।

Update: 2024-11-18 07:24 GMT

Sarguja News: सरगुजा। उत्तर छत्तीसगढ़ स्थित गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व एरिया में सात दिनों पहले टाइगर की मौत हो गई थी। रिजर्व एरिया में तीन दिनों से टाइगर का शव लावारिस हालत में पड़ा हुआ था। वन विभाग के अधिकारियों के अलावा मैदानी अमले को भनक तक नहीं लग पाई थी। ग्रामीणों ने जब देखा तब इसकी सूचना अफसरों को दी। यह मामला अभी ठीक से सुलझा भी नहीं है कि टाइगर रिजर्व एरिया में तेंदुए का शव मिला है।

गुरु घासीदास नेशनल पार्क के अफसरों के अनुसार कर्मचारियों की गश्ती के दौरान 15 नवंबर को बीट टामापहाड़, सर्किल देवसील, पार्क परिक्षेत्र कमर्जी में तेंदुआ का शव बरामद हुआ। मामले में देर रात को अधिकारियों को सूचना दी गई। 16 नवंबर को वन संरक्षक (वन्यप्राणी) सरगुजा, संचालक गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान, पशु चिकित्सक और गोमार्डा अभ्यारण्य के डॉग स्क्वायड टीम घटना स्थल पर पहुंची। बताया जाता है कि मधुमक्खियों के झुंड ने तेंदुए पर हमला किया था। बाघ की मौत के दौरान भी मधुमक्खियों ने हमला किया था, जिसमें एक वन रक्षक घायल हुआ था। वन विभाग के अधिकारी इस एंगल को भी गंभीरता से ले रहे हैं।

 टाइगर के मौत की गुत्थी अब भी अनसुलझी

गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व एरिया में टाइगर की मौत की गुत्थी अब तक सुलझ नहीं पाई है। हालांकि पीएम रिपोर्ट को लेकर अफसरों ने दावा किया है कि टाइगर को जहर देकर मारा गया है। यह जहर टाइगर के लिए ही था या अन्य वाइल्ड लाइफ के लिए यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया है। रिजर्व एरिया में पहले टाइगर और अब तेंदुए की मौत को लेकर आला अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है।

मधुमक्खी हमले की बात कहीं नाकामी छिपाना तो नहीं

इस बात की भी चर्चा चल रही है कि मधुमक्खी के हमले से तेंदुए की मौत की खबर फैलाकर वन विभाग और टाइगर रिजर्व के अफसर अपनी नाकामी छिपाने की कोशिश तो नहीं कर रहे हैं। एक सप्ताह के भीतर दो प्रमुख वाइल्ड लाइफ की इस तरह की मौत होना गंभीर लापरवाही मानी जा रही है।

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