Raipur News: CG राजधानी के पाश इलाके में रामा बिल्डकान को करोड़ों की सरकारी भूमि का आवंटन होगा निरस्त, कमिश्नर ने लिखा....

Raipur News: रायपुर संभाग के कमिश्नर महादेव कांवरे के कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में राजधानी रायपुर के पॉश इलाके अमलीडीह में रामा बिल्डकान को आवंटित 3.674 हेक्टेयर सरकारी भूमि का आवंटन रद्द करने की सिफारिश की है। कमिश्नर कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है कि आवेदक रामा बिल्डकॉन द्वारा भागीदार राजेश अग्रवाल रायपुर द्वारा शासकीय भूमि को विकास योजना में प्रस्तावित भू-उपयोग के प्रावधान अनुसार तब्दीलीकरण की कार्यवाही संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश से नहीं की गई है। कलेक्टर रायपुर द्वारा पेश प्रतिवेदन से यह स्प्ष्ट है कि वर्तमान में उक्त आवंटित जमीन का लीज एग्रीमेंट नहीं हुआ है। कमिश्ननर कोर्ट के इस आदेश में बाद प्रदेश के भूमाफियों में हड़कंप मच गया है, जिन्होंने राजस्व अफसरों व महकमे से मिलीभगत कर करोड़ों की सरकारी जमीन कौड़ी के मोल खरीद ली थी।

Update: 2024-12-16 09:39 GMT

Raipur News: बिलासपुर। कमिश्नर कोर्ट ने अपने अहम फैसले में प्रदेश के एक बड़े बिल्डर रामा बिल्डकान को राजधानी रायपुर में आवंटित करोड़ों की सरकारी भूमि के आवंटन को रद्द करने की सिफारिश की है। कलेक्टर रायपुर द्वारा गठित जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का भीा खुलासा किया है कि जिस जमीन को रामा बिल्डकान को आवंटित की गई है वह राजस्व दस्तावेजों में घास मद की चराई जमीन है। घास मद की जमीन का आवंटन नहीं होता। जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि तय मापदंड से बिल्डर को अधिक जमीन का आवंटन किया गया है। कमिश्नर कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है कि कलेक्टर के रिपोर्ट से साफ है कि घास मद की चराई जमीन का लीज एग्रीमेंट नहीं हुआ है। नियमों के विपरीत आवंटन और शर्तों का पालन ना करने के आधार पर कमिश्नर ने जमीन का आवंटन निरस्त कर दिया है।

नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि के आबंटन, अतिक्रमित भूमि का व्यवस्थापन एवं भूमि स्वामी हक प्रदान करने के संबंध में छग शासन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग मंत्रालय महानदी भवन, नवा रायपुर अटल नगर के पत्र कमांक एफ 4-07/सात-1/2019 नवा रायपुर अटल नगर 24.02.2022 में विस्तृत निर्देश जारी किया गया है। उक्त निर्देश की कंडिका (1.1) अनुसार जिला स्तर पर शासकीय भूमि आबंटन / अतिक्रमित भूमि की व्यवस्थापन के आवेदनों का परीक्षण कर जिला कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत करने हेतु अपर कलेक्टर / अनुविभागीय अधिकारी रायपुर / संयुक्त कलेक्टर की समिति गठित किया गया है। जिसमें अपर कलेक्टर, सहायक संचालक नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालय, आयुक्त नगर पालिक निगम, जिला पंजीयक, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) रायपुर को सदस्य बनाया गया है। उपरोक्तानुसार गठित जिला स्तरीय समिति को आवेदक द्वारा भू-आबंटन हेतु प्रस्तुत आवेदन, आपत्तिकर्ता तथा याचिकाकर्ता के द्वारा प्रस्तुत आपत्ति तथा प्रकरण में तहसीलदार एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) रायपुर के द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन का परीक्षण कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किए जाने हेतु आदेश किया गया। जिसका प्रतिवेदन समिति ने 22.11.2023 को प्रस्तुत किया।

 पटवारी ने दी इस तरह रिपोर्ट

हल्का पटवारी के स्थल निरीक्षण पंचनामा तथा प्रतिवेदन का परीक्षण पश्चात् आवेदित भूमि के संबंध में राजस्व निरीक्षक रायपुर-11 से संशोधित गणना पत्रक प्राप्त किया गया। प्रस्तुत गणना पत्रक के अनुसार अचल संपत्ति के बाजार मूल्य मार्गदर्शक सिद्धांत वर्ष 2019-20 (शासन के आदेशानुसार 30% कमी) के अनुसार आवेदित क्षेत्र ग्राम अमलीडीह, वार्ड क्रमांक 46 डॉ राजेन्द्र प्रसाद वार्ड के अंतर्गत कंडिका 13 में मुख्य मार्ग के भीतर स्थित होने पर गाईड लाईन 8750 रू0 प्रति वर्गमीटर तथा 2,45,00,000 रूपए प्रति हेक्टेयर है। हल्का पटवारी से जांच प्रतिवेदन प्राप्त किया गया जिसके अनुसार :-

- ग्राम का मकबूजा रकबा 344.223 हे0 है।

- ग्राम का गैर मकबूजा रकबा 51.000 हे0 है।

- चारागाह की भूमि 27.026 हे0 है।

- आवास हेतु चराई का प्रस्तावित रकबा 3.203 हे0 है।

- आबंटन उपरांत ग्राम के बचत चराई / घास रकबा एवं उसका मकबूजा रकबा की विरूद्ध प्रतिशत 7.60 प्रतिशत है।

- वादभूमि की स्थिति- रिक्त रही।

 चारागाह की जमीन का किया खेला, कमिश्ननर कोर्ट ने की कड़ी टिप्पणी

कलेक्टर रायपुर द्वारा गठित समिति के द्वारा आवेदक के भूमि आबंटन संबंधी आवेदन, विभागीय अभिमत, तहसीलदार तथा अनुविभागीय अधिकारी (रा.) रायपुर के द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन तथा सम्पूर्ण दस्तावेज एवं याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत आवेदन का सूक्ष्म परिशीलन किया गया है, तथा यह पाया गया कि आवेदित भूमि राजस्व अभिलेखों में घास चराई मद में दर्ज है। आवेदित भूमि नगरीय निकाय क्षेत्र में स्थित है, अतः छग भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 234 निस्तार के प्रावधान वाद भूमि के आबंटन के परिपेक्ष्य में प्रभावशील नहीं होगा। वाद भूमि रिक्त भूमि है। 7500 वर्गफुट से अधिक है।

राजस्व निरीक्षक के द्वारा प्रस्तुत संशोधित गणना पत्रक प्रतिवेदन अनुसार आवेदित भूमि का बाजार मूल्य प्रब्याजी 9,11,99, 500/- (नौ करोड़ ग्यारह लाख निन्यानबे हजार पांच सौ रूपये) तथा भू-भाटक 2,73,599/- (दो लाख तिहत्तर हजार पांच सौ निन्यानबे रूपये), अधोसंरचना 3, 0780/- (तीस हजार सात सौ अस्सी रूपये) एवं पर्यावरण कर 30780/- (तीस हजार सात सौ अस्सी रूपये) की राशि प्राप्त किये जाते हुए आवेदित भूमि के आबंटन की स्वीकृति हेतु प्रकरण आयुक्त रायपुर संभाग रायपुर के माध्यम से छग शासन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग मंत्रालय महानदी भवन अटल नगर, नवा रायपुर छग को प्रेषित किया गया।

 योगीराज चंद्राकर की शिकायत पर बैठी जांच

आपत्तिकर्ता योगीराज चंद्राकर के द्वारा अपने लिखित आपत्ति 11.06.2020 में यह उल्लेख किया है कि आवेदक रामा बिल्डकॉन के द्वारा मिथ्या तथ्यों के आधार पर उपरोक्त भूमि के आबंटन एवं व्यवस्थापन के लिए आवेदन पत्र प्रस्तुत किया है। आवेदक का आवेदित भूमि पर कभी भी कब्जा नहीं रहा है, आवेदक छत्तीसगढ़ का अत्यंत प्रभावशाली एवं प्रमुख बिल्डर्स है, जो मिथ्या आधारों पर आपत्तिकर्ता एवं उसके पारिवारिक सदस्यों के आधिपत्य की उपरोक्त भूमि को स्वयं के आधिपत्य में होने का मिथ्या कथन कर रहा है। आवेदित भूमि पर वर्ष 1978-79 से आवेदक योगीराज चंद्राकर, रामकिशोर चंद्राकर एवं सौरभ चंद्राकर का आधिपत्य आज दिनांक तक बना हुआ है। आवेदक द्वारा अपने पारिवारिक सदस्यों के साथ उपरोक्त भूमि को अपने स्वामित्व व अधिपत्य की भूमि से विनिमय के लिए धारा 167 छग भू-राजस्व संहिता के अंतर्गत जिलाधीश रायपुर के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया गया था। आवेदक द्वारा प्रस्तुत उपरोक्त आवेदन विचारण हेतु न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) रायपुर को जांच हेतु प्रेषित किया गया है तथा आवेदक एवं उनके पारिवारिक सदस्यों के आवेदन वर्तमान में न्यायालय अतिरिक्त तहसीलदार रायपुर के न्यायालय में मामला क्रमांक 03/अ-74 वर्ष 2012-13 लंबित होना बताया जाकर आपत्तिकर्ता के द्वारा धारा 167 भू-राजस्व संहिता के आवेदन के लंबित रहने के परिप्रेक्ष्य में आवेदक रामा बिल्डकॉन का आवेदन प्रचलनशील नहीं है तथा विधि विपरीत होने से निरस्त किए जाने का निवेदन किया गया है।

 अमलीडीह के ग्रामीणों ने भी दर्ज कराई आपत्ति

अमलीडीह के ग्रामीणों द्वारा अपने लिखित आपत्ति में कहा है आवेदक रामा बिल्डकॉन के द्वारा आवेदित भूमि के आबंटन एवं व्यवस्थापन के लिए प्रस्तुत आवेदन पत्र पर भूमि का अतिक्रमण कर नाम मात्र राशि पर संबंधित भूमि व्यवस्थापन हेतु प्राप्त करना चाहता है, आवेदक एक जमीन कारोबारी है। जो जमीन का विक्रय करने के साथ-साथ मकान का निर्माण करने का काम करता है। संबंधित भूमि आबंटन हेतु नाम मात्र राशि पर प्रदान की जाती है तो भूमि पर निर्माण कार्य कर अत्यधिक लाभ प्राप्त किया जावेगा। प्रकरण में आए उपरोक्त आपत्तियों का निराकरण, आवेदक की सहमति, हल्का पटवारी का कथन, राजस्व निरीक्षक का गणना प्रतिवेदन का इत्यादि का उल्लेख नायब तहसीलदार द्वारा अपने प्रतिवेदन दिनांक 26.09.2023 में किया गया है।

 हाई कोर्ट ने कलेक्टर रायपुर को जारी किया था निर्देश

याचिकाकर्ता राजकुमार दुबे के द्वारा छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट बिलासपुर में एक रिट याचिका प्रस्तुत किया गया था जिस पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने 10. 05.2023 को कलेक्टर रायपुर को निर्देशित किया था कि वे भूमि आबंटन के प्रकरण में याचिकाकर्ता द्वारा उठाये गए मुद्दो से संबंधित पक्षों को समुचित सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए 08 सप्ताह के भीतर निराकरण किया जाए। कलेक्टर को जारी निर्देश के साथ ही हाई कोर्ट ने याचिका को निराकृत कर दिया था।

 राज्य शासन ने सशर्त की थी जमीन का आवंटन

छग शासन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा निर्णय लेते हुए अपने आदेश 28.06.2024 में सामान्य एवं विशेष शर्तों के माध्यम से आवेदक रामा बिल्डकॉन द्वारा संचालक राजेश अग्रवाल पिता रामचंद अग्रवाल पता-स्वर्णभूमि, आमासिवनी रायपुर छग को इस तरह की शर्तों के तहत जमीन का आवंटन किया था।

0 आवेदक के द्वारा इस आवेदन के साथ कोई मिथ्या जानकारी प्रस्तुत किया जाना पाए जाने पर आबंटन / व्यवस्थापन की अनुमति स्वमेव समाप्त हो जायेगी।

0 व्यवस्थापन/आबंटन के पूर्व जिला पंजीयक / उपपंजीयक से भूमि की मूल्य की गणना इस हेतु जारी मार्ग सिद्धांतों एवं उपबंधों के अनुरूप प्राप्त किया जाना सुनिश्चित करे।

0 व्यवस्थापन/आबंटन के पूर्व छग भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 के तहत नियमानुसार मद परिवर्तन की कार्यवाही आवश्यक होने पर सुनिश्चित् करे।

0 वन (संरक्षण) अधिनियम 1980 के प्रावधानों तथा माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विविध याचिका कमांक 202/95 श्री गोदा बर्मन विरूद्ध भारत शासन में पारित आदेश 12.12.1996 का पालन सुनिश्चित किया जाए।

0 व्यवस्थापन/आबंटन से किसी शासकीय भूमि का भूमिबद्ध या अन्यथा अनुपयोगी नहीं होना सुनिश्चित किया जावे।

0 विकास योजना के अंतर्गत निर्धारित भू-उपयोग का पालन करना आवेदक के लिए अनिवार्य होगा। भू-उपयोग में प्रावधान अनुसार तब्दीलीकरण, यदि आवश्यक हो, की जिम्मेदारी आवेदक की होगी।

0 भूमि का उपयोग या उस पर निर्माण के पूर्व स्थानीय निकाय, नगर तथा ग्राम निवेश एवं संबंधित विभागों की अनापत्ति प्राप्त करना/औपचारिकताओं की पूर्ति करना आवश्यक होगा।

0 भूमि पर किसी भी तरह का वाद यदि न्यायालय या जांच किसी अन्य संस्था में लंबित हो तो आबंटन / व्यवस्थापन की अनुमति स्वमेव समाप्त हो जायेगी।

0 यदि भूमि पर किसी भी तरह का विवाद हो या कोई ऐसी गतिविधि संचालित हो जिससे लोक सुविधा, लोक सुरक्षा और लोक परिशांति विक्षुब्ध हो तो दी गई अनुमति स्वमेव निरस्त हो जायेगी।

0 आबंटन / व्यवस्थापन डीड के निष्पादन एवं पंजीयन आदि में देय समस्त शुल्क आवेदक के द्वारा वहन किया जावेगा।

0 छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट द्वारा पारित निर्णय 28.01.2011 का पालन सुनिश्चित किया जावे।

0 संहिता एवं अन्य विधि द्वारा भूमि स्वामी अधिरोपित कर्तव्य आवेदक को मान्य होंगें।

0 शासन के प्रतिनिधि/अधिकृत व्यक्ति, कलेक्टर या उसके द्वारा अधिकृत व्यक्तियों को भूमि के सही उपयोग तथा शर्तों का पालन के विषय में भूमि एवं उस पर निर्मित परिसर के निरीक्षण का अधिकार होगा।

0 आवेदक द्वारा यदि किसी भी विधि या शर्त का उल्लंघन किया जाता है तो यह अनुमति स्वमेव निरस्त समझी जावेगी। आवेदक से उपरोक्त संपूर्ण राशि आबंटन / व्यवस्थापन आदेश जारी होने के तीन माह के अंदर एक मुश्त जमा कराई जाये। आवेदक द्वारा निर्धारित तीन माह के समयावधि में देय संपूर्ण राशि जमा नहीं कराने की दशा में आबंटन / व्यवस्थापन आदेश की तिथि से प्रब्याजि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज लेकर, संपूर्ण राशि एकमुश्त जमा कराई जाए। यह अवधि 02 वर्ष से अधिक नहीं होगी। आवेदक द्वारा 02 वर्ष समयावधि में राशि जमा नहीं करने पर आबंटन / व्यवस्थापन आदेश स्वमेव निरस्त माना जावेगा।

 तत्कालीन विधायक ने जमीन आवंटन रद्द करने सीएम को लिखी थी चिट्ठी

विधायक मोतीलाल साहू रायपुर ग्रामीण एवं अध्यक्ष शाला विकास एवं प्रबंधन समिति अमलीडीह रायपुर के अध्यक्ष लीलाधर चंद्राकर ने मुख्य मंत्री छग शासन निवास कार्यालय को आबंटित भूमि तत्काल निरस्त कर नवीन शासकीय महाविद्यालय अमलीडीह को आबंटित करने पत्र लिखकर मांग की थी।

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