Raipur News: सेंट्रल जीएसटी के अफसर और सहयोगी को 5 लाख रुपए रिश्वत लेते सीबीआई ने किया गिरफ्तार, 34 लाख रुपए मांगी थी रिश्वत

Raipur News: केंद्रीय जीएसटी के अधीक्षक और उसके प्राइवेट ड्राइवर को सीबीआई ने व्यापारी से 5 लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। व्यापारी की दुकान पर रेड के बाद मामला सेटल करने के एवज में सेंट्रल जीएसटी के अधीक्षक ने 34 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। ड्राइवर के माध्यम से प्रथम किश्त पांच लाख लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर सीबीआई ने पूछताछ के लिए पांच दिन की रिमांड में लिया है।

Update: 2025-02-02 05:51 GMT
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Raipur News: रायपुर। सेंट्रल जीएसटी के अफसर और उनके प्राइवेट ड्राइवर को सीबीआई ने पांच लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। व्यापारी के यहां हुई रेड कार्यवाही का मामला निपटाने केंद्रीय जीएसटी के अफसर ने ड्राइवर के साथ मिलकर 34 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। रिश्वत की किश्त पांच लाख रुपए वसूलते हुए ड्राइवर और अधीक्षक को गिरफ्तार किया गया है। दोनों को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में पेश कर 5 दिनों की पूछताछ के लिए सीबीआई ने रिमांड पर लिया है।

दुर्ग वार्ड क्रमांक 25 के निवासी लाल चंद आठवानी,पुत्र महेश कुमार वर्मा की मेसर्स द वर्ल्ड ऑफ ब्यूटी ,स्टेशन रोड़ में प्रतिष्ठा है। केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर रायपुर ने 28 और 29 जनवरी को लाल चंद आठवानी की दुकान में छापा मारा था। मामले के निपटान के लिए केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर के अधीक्षक भरत सिंह ने 34 लाख रुपए की रिश्वत मांगी। रिश्वत की पहली किश्त पांच लाख रुपए लेना तय हुआ।

लालचंद आठवानी ने अवैध रिश्वत की मांग की शिकायत सीबीआई कार्यालय में की। सीबीआई ने करेंसी टावर के पास, वीआईपी रोड़ रायपुर में स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में जाल बिछाया गया। यहां जीएसटी के अधीक्षक भरत सिंह के प्राइवेट ड्राइवर विनय राय को पांच लाख रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। इसके बाद विनय राय निजी व्यक्ति और भरत सिंह अधीक्षक केंद्रीय माल और सेवाकर को गिरफ्तार कर सीबीआई की विशेष अदालत रायपुर में पेश कर पांच दिनों की सीबीआई रिमांड मांगी।

सीबीआई ने रिमांड के लिए तर्क प्रस्तुत करते हुए कहा कि मामला निपटाने के लिए जीएसटी के अधीक्षक भरत सिंह ने विनय राय और किसी मिश्रा के साथ आपराधिक षड्यंत्र करते हुए 34 लाख की रिश्वत मांगी थी। मामले की जांच प्राथमिक चरण में है। दोनों आरोपियों से पूछताछ में एफआईआर में उल्लेखित मिश्रा नामक व्यक्ति का पता चल सकेगा,जिसके खिलाफ अवैध रिश्वत की मांग दर्ज है। साथ ही सीबीआई के अनुसार ट्रैप स्थल से भी कुछ अभियुक्त भाग गए। इसके अलावा केंद्रीय जीएसटी के अन्य अधीक्षक और अन्य अफसरों की संलिप्तता का खुलासा भी पूछताछ में हो सकता है। इसलिए रिमांड आवश्यक है। तर्कों से सहमत होकर अदालत ने दोनों आरोपियों की पांच दिन की रिमांड मंजूर की है।

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