Oommen Chandy Biography in Hindi: कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री का निधन, एक ही सीट से लगातार रिकार्ड 12 बार रहे विधायक
Oommen Chandy Biography in Hindi कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य और केरल के दो बार के मुख्यमंत्री ओमान चांडी का आज निधन हो गया।
Oommen Chandy Biography in हिंदी एनपीजी न्यूज डेस्क
Oommen Chandy Biography in Hindi कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी का 79 वर्ष की आयु में मंगलवार (18 जुलाई) तड़के निधन हो गया। चांडी के गले में कैंसर हो गया था। लंबे समय से उनका इलाज चल रहा था। उनके निधन पर केरल सरकार ने मंगलवार को राज्य में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा कर दी है।
केरल के दो बार के मुख्यमंत्री रहे चांडी (Oommen Chandy Biography in Hindi) एक ही सीट से रिकार्ड 12 बार विधायक चुने गए। चांडी का जन्म 13 अक्टूबर 1943 को केरल के कोट्टायम जिला में हुआ था। चांडी ने एरनाकुलम के सरकारी कॉलेज से लॉ की डिग्री हासिल की थी। कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही वे छात्र राजनीति में आ गए थ।
Oommen Chandy Biography in Hindi चांडी 1970 में पहली बार पुथुपल्ली सीट से विधायक चुने गए। पहली बार विधायक चुने जाने के दौरान चांडी महज 27 साल के थे। इसके बाद चांडी इस सीट से लगातार चुनाव जीतते रहे। 1970 के बाद उन्होंने 1977, 1980, 1982, 1987, 1991, 1996, 2001, 2006, 2011, 2016 और अंतिम बार 2021 में विधानसभा का चुनाव जीता।
चांडी 2004 से 2006 और 2011 से 2016 तक केरल के मुख्यमंत्री रहे। इस बीच 2006 से 2011 के बीच चांडी केरल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे। देश के दो चर्चित स्कैम में भी चांडी नाम उछला था। इसमें एक पामोलेने और दूसरा सोलर स्कैम था। चांडी कांग्रेस के वर्किंग कमेटी के सदस्य और महा सचिव रह चुके हैं।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री सहित कांग्रेस ने दी श्रध्दांजलि Oommen Chandy Biography in Hindi
केरल के पूर्व मुख्यमंत्री चांडी को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने श्रध्दांजलि दी है। चांडी के निधन पर गहरा दुःख प्रकट करते हुए सीएम भूपेश ने विनम्र श्रद्धांजलि दी है। मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिवारजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करने की प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि चांडी ने सदैव अपने आप को जनसेवा में समर्पित रखा। अंत समय तक वे जनता की सेवा में सदैव उपलब्ध रहे। उनका जाना देश की राजनीतिक क्षति है जो अपूरणीय है।