National Lok Adalat: नेशनल लोक अदालत की बड़ी उपलब्धि- चार साल में देशभर में निपटे 2173.25 लाख मामले
National Lok Adalat: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के बैनर तले देशभर में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाता है। एक साल में चार नेशनल लोक अदालत का गठन किया जाता है। इसमें राजीनामा योग्य मामलों का समझौता कराया जाता है। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बीते चार साल के दौरान देशभर में आपसी समझौते के तहत 2173.25 लाख मामलों का निराकरण किया गया। बड़ी संख्या में देशभर के हाई कोर्ट और निचली अदालतों से पेंडेंसी का बोझ भी कम हुआ है।
National Lok Adalat: बिलासपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के बैनर तले देशभर में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाता है। एक साल में चार नेशनल लोक अदालत का गठन किया जाता है। इसमें राजीनामा योग्य मामलों का समझौता कराया जाता है। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बीते चार साल के दौरान देशभर में आपसी समझौते के तहत 2173.25 लाख मामलों का निराकरण किया गया। बड़ी संख्या में देशभर के हाई कोर्ट और निचली अदालतों से पेंडेंसी का बोझ भी कम हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाई कोर्ट व निचली अदालतों में लंबित ऐसे मामले जिसमें आपसी बातचीत के जरिए समझौता हो सकता है, इन प्रकरणों को नेशनल लोक अदालत में रखने और समझौता जरिए प्रकरणों की फाइल बंद करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के बैनर तले देशभर में नेशनल लोक अदालत का गठन कर ऐसे मामलों की सुनवाई की जा रही है। सुनवाई से पहले दोनों पक्षों के बीच बातचीत के जरिए राजीनामा की कोशिश भी की जा रही है। जिन मामलों में आपसी राजीनामा के लिए दोनों पक्ष सहमत हो जाते हैं,उन मामलों को नेशनल लोक अदालत में सुनवाई के दौरान खंडपीठ के समक्ष रखा जाता है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद देशभर में गठित की जा रही नेशनल लोक अदालत में आपसी राजीनामा के प्रकरणों की भी सुनवाई लगातार हो रही है। देशभर के अदालतों से मामलों मुकदमों का बोझ भी कम हो रहा है। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जारी देशभर के आंकड़ों पर भरोसा करें तो बीते चार साल के दौरान 2173.25 लाख मामले आपसी राजीनामा के जरिए निपटाए गए हैं।
हर साल चार नेशनल लोक अदालत
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के बैनर तले देशभर में प्रतिवर्ष चार नेशनल लोक अदालत का गठन किया जाता है। खासियत ये कि देशभर में एक ही तिथि में राष्ट्रीय लोक अदालत का गठन किया जाता है और खंडपीठों में सुनवाई होती है।
वर्ष 2025 में इन तिथियों में लगेगी नेशनल लोक अदालत
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जारी वार्षिक कैलेंडर के अनुसार 8 मार्च, 10 मई, 13 सितंबर व 13 दिसंबर 2025 को देशभर में एक साथ राष्ट्रीय लोक अदालत का गठन किया जाएगा।
इन मामलों की हाेती है नेशनल लोक अदालत में सुनवाईसी
. सभी प्रकार के सिविल और शमनीय आपराधिक मामलों की सुनवाई की जा सकती है। मामलों के पंजीकरण का डेटा और रिकॉर्ड डीएलएसए/एचसीएलएससी या टीएलएससी द्वारा एसएलएसए के निर्देशों के तहत बनाए रखा जाएगा।
. आपराधिक समझौता योग्य अपराध;
धन वसूली के मामले;
मोटर दुर्घटना दावा मामले:
सार्वजनिक उपयोगिता सेवाओं से संबंधित विवाद जैसे बिजली और पानी के बिल मामले आदि (गैर-समझौता योग्य को छोड़कर):
. वैवाहिक विवाद (तलाक को छोड़कर)/ पारिवारिक विवाद
भूमि अधिग्रहण मामले;
पेशन मामलों सहित सेवा मामले:
. उच्च न्यायालय, जिला न्यायालयों और राज्य/जिला/तालुका प्राधिकारियों के समक्ष लंबित राजस्व और अन्य सहायक मामले।
. आईपीआर मामले/उपभोक्ता मामले/किसी अन्य अर्ध-न्यायिक प्राधिकरण के समक्ष लंबित अन्य मामले
. अन्य सिविल मामले (किराया, सुखाधिकार, निषेधाज्ञा मुकदमे, विशिष्ट प्रदर्शन मुकदमे आदि)।
0 चार वर्ष में इतने प्रकरणों का हुआ निराकरण,आंकड़े लाख में
वर्ष 2021- 127.88
वर्ष 2022- 419.26
वर्ष 2023- 853.42
वर्ष 2024- 772.69