Mission Gaganyaan: मिशन गगनयान से सस्पेंस खत्म, भारत के ये 4 अंतरिक्ष यात्री स्पेस में जाएंगे

Mission Gaganyaan: गगनयान मिशन के लिए चुने गए 4 अंतरिक्ष यात्रियों के नाम आखिरकार सामने आ गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को इन्हें 'विंग' पहनाई और देश-दुनिया से परिचित करवाया।

Update: 2024-02-27 15:06 GMT
Mission Gaganyaan: मिशन गगनयान से सस्पेंस खत्म, भारत के ये 4 अंतरिक्ष यात्री स्पेस में जाएंगे
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Mission Gaganyaan: गगनयान मिशन के लिए चुने गए 4 अंतरिक्ष यात्रियों के नाम आखिरकार सामने आ गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को इन्हें 'विंग' पहनाई और देश-दुनिया से परिचित करवाया। इन चारों के नाम ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला है। ये सभी भारतीय वायुसेना के टेस्ट पायलट रहे हैं और रूस और भारत में लंबी ट्रेनिंग के बाद अंतरिक्ष में जाने को तैयार हैं।

तिरुवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (VSSC) में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इन यात्रियों को बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये सिर्फ 4 नाम या इंसान नहीं है, ये 140 करोड़ भारतीय आकांक्षाओं को अंतरिक्ष में ले जानी वाली 4 शक्तियां हैं। उन्होंने आगे कहा, "40 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में जाने वाला है और इस बार टाइम भी हमारा है, काउंटडाउन भी हमारा है और रॉकेट भी हमारा है।"

इन चारों गगनयान यात्रियों की रूस में ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है। फरवरी, 2020 से लेकर मार्च, 2021 तक इन्होंने रूस के युरी गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में अपनी ट्रेनिंग पूरी की थी। हालांकि, इस दौरान महामारी से इस प्रक्रिया को प्रभावित किया था। फिलहाल बेंगलुरू स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के सेंटर में इनकी बाकी ट्रेनिंग जारी है। इन चारों का चयन सितंबर, 2019 में भारतीय वायुसेना के इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन में हुआ था।

VSSC में पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने गगनयान मिशन की तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने 'व्योममित्र' से भी मुलाकात की। यह इंसान की तरह दिखने वाला एक रोबोट है, जिसे अंतरिक्ष यात्रियों से पहले टेस्ट उड़ान पर अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।

रूस में बने सूट पहनेंगे गगनयान यात्री

ISRO गगनयान यात्रियों के लिए रूस में बने इंट्रा व्हीकलर एक्टिविटी (IVA) सूट का इस्तेमाल करेगा। ये ऐसे विशेष सूट होते हैं, जो अंतरिक्ष यान के भीतर चलने-फिरने के लिए पहने जाते हैं और केबिन में प्रेशर कम होने जैसे किसी हादसे की स्थिति में बचाव की परत के तौर पर काम करते हैं। पहले कयास थे अंतरिक्ष भारत में VSSC के बनाए IVA सूट पहनेंगे, लेकिन सुरक्षा और जरूरत को देखते हुए योजना बदल दी गई।

गगनयान भारत का पहला ऐसा अंतरिक्ष मिशन होगा, जिसमें अंतरिक्ष यात्रियों को कुछ समय के लिए लो-अर्थ ऑर्बिट में ले जाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से इस मिशन की घोषणा की थी। इसे 2022 में लॉन्च किया जाना था, लेकिन महामारी के चलते इसमें देरी हुई। अब यह मिशन 2025 में लॉन्च होगा और इस साल इससे जुड़े इससे सारे टेस्ट पूरे कर लिए जाएंगे। शुरुआत में इसके लिए 10,000 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया था।

पिछले साल अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के प्रशासक भारत यात्रा पर आए थे। इस दौरान उन्होंने घोषणा की थी कि नासा एक अंतरिक्ष यात्री को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के एक मिशन के लिए ट्रेनिंग देगी। बता दें कि भारत भी अपना स्पेस स्टेशन शुरू करने की तैयारी कर रहा है। भारत की योजना 2035 तक अपना स्पेस स्टेशन बनाने और 2040 तक इंसान को चांद पर उतारने की है। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल इसका ऐलान किया था।

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