Human Rights Commission: जेल में विचाराधीन बंदी की मौत: मानवाधिकार आयोग के निर्देश पर परिजनों को मिला 5 लाख का मुआवजा

Human Rights Commission:

Update: 2024-06-28 08:15 GMT
Human Rights Commission: जेल में विचाराधीन बंदी की मौत: मानवाधिकार आयोग  के निर्देश पर परिजनों को मिला 5 लाख का मुआवजा
  • whatsapp icon

Human Rights Commission: रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य मानव अधिकार आयोग की अनुशंसा के आधार पर विचाराधीन बंदी दुर्गेश यादव की जेल अभिरक्षा में हुई मौत के प्रकरण में विभाग द्वारा राशि 5 लाख (पांच लाख) रूपये के भुगतान का आदेश बतौर आर्थिक क्षतिपूर्ति मृतक के पिता को प्रदान किया है।

ज्ञात हो, न्यायालय़ीन लंबित प्रकरण के आधार पर विचाराधीन बंदी दुर्गेश यादव को बेमेतरा उपजेल में 29 मार्च 2019 को निरुद्ध किया गया था, जांच रिपोर्ट में इस आशय का उल्लेख है कि 06 जुलाई 2019 को जेल की पाकशाला में चांवल का भगोना उतारते वक्त, विचाराधीन बंदी दुर्गेश यादव का पैर फिसल गया, जिसके कारण चांवल के भगोने का गरम माड़ (पेज), बंदी के पैर एवं शरीर के अन्य भाग में गिर गया और वह गंभीर रूप से जल गया।

जेल प्रशासन, बेमेतरा द्वारा आरोपी को तत्काल केंद्रीय जेल, रायपुर स्थानांतरित करते हुए ईलाज हेतु डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल, रायपुर के बर्न यूनिट में कराया गया। जहां 09 जुलाई 2019 को बंदी की मृत्यु हो गई। आयोग द्वारा प्रकरण संज्ञान में लिया गया, एवं जिला कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी, रायपुर व पुलिस अधीक्षक, रायपुर से प्रतिवेदन आहूत किया गया, अनुविभागीय दंडाधिकारी जाँच में भी यह पुष्टि हुई कि विचाराधीन बंदी की मृत्यु चांवल के माड़ से जलने के कारण ही हुई है।

आयोग द्वारा सम्पूर्ण प्रकरण का विवेचन किया गया, एवं इस प्रकरण में विचाराधीन बंदी दुर्गेश यादव की अप्राकृतिक मृत्यु के कारण एवं सिविल दायित्व के अंतर्गत, उसके विधिक वरिसानों को पांच लाख रूपये के भुगतान की अनुशंसा की गई थी, जिसे मानते हुए जेल विभाग ने मृतक के पिता को पांच लाख रूपये राशि का भुगतान कर दिया है।

Tags:    

Similar News