DEO आफिस की लापरवाही से संविलियन के बाद भी व्याख्याताओं का नियममितीकरण नहीं, डीपीआई आफिस ने सभी डीईओ को पत्र भेज मांगी कंप्लीट जानकारी....देखिए आदेश, सर्व शिक्षक संघ के प्रेसिडेंट विवेक दुबे बोले..

प्रदेश में हजारों ऐसे शिक्षक हैं जो अभी भी अपनी नियमितीकरण की बाट जोह रहे हैं और इसके पीछे की वजह जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की लापरवाही है। क्योंकि जो दस्तावेज उन्हें राज्य कार्यालय को प्रेषित करना है वह उनके द्वारा भेजा ही नहीं जा रहा है।

Update: 2021-10-14 06:04 GMT

रायपुर, 14 अक्टूबर 2021। जिला शिक्षा अधिकारियों की लापरवाहियों के चलते संविलियन के बाद भी व्याख्याताओं का नियममितीकरण नहीं हो पा रहा है। सर्व शिक्षक संघ ने इसके लिए उच्चाधिकारियों का ध्यान दिलाया। इसके बाद मंत्रालय के निर्देश पर डीपीआई आाफिस ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेज व्याख्याताओं की कंप्लीट जानकारी मंगाई है।



प्रदेश में हजारों ऐसे शिक्षक हैं जो अभी भी अपनी नियमितीकरण की बाट जोह रहे हैं और इसके पीछे की वजह जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की लापरवाही है। क्योंकि जो दस्तावेज उन्हें राज्य कार्यालय को प्रेषित करना है वह उनके द्वारा भेजा ही नहीं जा रहा है। नियमितीकरण आदेश जारी करने की मांग को लेकर 1 सप्ताह पहले सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक दुबे ने अपनी टीम के साथ लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक कमलप्रीत सिंह और उपसंचालक आशुतोष चावरे से मुलाकात की थी और नियमितीकरण आदेश जारी होने में लेटलतीफी की बात को सामने रखते हुए जल्द निराकरण करने की मांग रखी थी। इसके बाद अब लोक शिक्षण संचालनालय ने पूरे मामले की खोजबीन करके जिला रायपुर, सूरजपुर, बिलासपुर, रायगढ़, दुर्ग और मुंगेली के जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी किया है और पत्र में इस बात को लेकर नाराजगी जाहिर की गई है की व्याख्याताओं के दस्तावेज जिला कार्यालयों से अपूर्ण भेजे गए हैं जिसके चलते राज्य कार्यालय से नहीं नियमितीकरणकरण आदेश जारी नहीं हो पा रहा है। साथ ही जिला कार्यालयों से 1 सप्ताह के भीतर पूरी जानकारी प्रेषित करने को कहा गया है।

इस मुद्दे पर सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक दुबे ने कहा की

लोक शिक्षण संचालनालय के पत्र से यह साफ स्पष्ट होता है कि जिला कार्यालय द्वारा शिक्षकों की जानकारी भेजने में घोर लापरवाही की गई है, जिसके चलते हमारे शिक्षक साथियों का नियमितिकरण आदेश जारी नहीं हो पाया है और उन्हें इसका खामियाजा उठाना पड़ रहा है। हम इस दिशा में लगातार प्रयासरत है और हमारी कोशिश रहेगी कि जल्द से जल्द नियमितीकरण आदेश जारी हो।

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