DA News: DA के लिए प्रदर्शन: प्रदेशभर में फेडरेशन ने रैली निकालकर मुख्‍यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन..

DA News: महंगाई भत्‍ता की मांग को लेकर प्रदेशभर में आज सरकारी अधिकारियों- कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। साथ ही मुख्‍यमंत्री के नाम पर ज्ञापन सौंपा गया।

Update: 2024-09-11 11:55 GMT

DA News: रायपुर। महंगाई भत्‍ता सहित 4 सूत्रीय मांग को लेकर कर्मचारी- अधिकारी फेडरेशन में शामिल संगठनों ने आज प्रदेशभर में रैली निकलाकर प्रदर्शन किया। फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा ने बताया कि यह आंदोल का तीसरा चरण है। इससे पहले प्रथम चरण के आंदोलन में 06 अगस्त 2024 के दौरान कलेक्टर रायपुर के माध्यम से मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन सौंपकर फेडरेशन के चार सूत्रीय मांगों से अवगत कराया गया है।

फेडरेशन के द्वितीय चरण आंदोलन 20 से 30 अगस्त 2024 के मध्य माननीय विधायकों एवं सांसदों को इन मांगों के संबंध में ज्ञापन सौंपा गया है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश के कर्मचारियों को "मोदी की गारंटी" के तहत निम्नांकित मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन द्वारा लगातार शासन-प्रशासन से पत्राचार किया जाता रहा है। वर्मा ने कहा कि खेद सहित लेख है कि, निराकरण के लिए त्वरित कार्यवाही नहीं होने के कारण प्रदेश के कर्मचारी-अधिकारी काफी आक्रोशित हैं।

फेडरेशन की मांगों के संबंध में उन्‍होंने बताया कि भाजपा घोषणा पत्र अनुसार प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र के समान 1 जनवरी 24 से 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जाए। साथ ही प्रदेश के कर्मचारियों को जुलाई 2019 से देय तिथि पर महंगाई भत्तों के एरियर्स राशि का समायोजन जीपीएफ खाते में किया जाए। भाजपा घोषणा पत्र अनुसार प्रदेश के शासकीय सेवकों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान दिया जाए। केन्द्र के समान गृह भाड़ा भत्ता दिया जाए और भाजपा घोषणा पत्र अनुसार मध्यप्रदेश सरकार की भांति प्रदेश के शासकीय सेवकों को अर्जित अवकाश नगदीकरण 240 दिन के स्थान पर 300 दिन किया जाए।

फेडरेशन के संयोजक वर्मा ने बताया कि इसके बाद भी सरकार मांगें नहीं मिली तो आंदोलन के चौथे चरण में 27 सितम्बर 2024 को सामुहिक अवकाश लेकर कलम बंद-काम बंद हड़ताल, जिलों में सामुहिक धरना-प्रदर्शन का आयोजन। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि सरकार यदि 27 सितम्बर 2024 तक उल्लेखित मांगों के समाधान नहीं करती है तो फेडरेशन को अनिश्चितकालीन आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।



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