Chhattisgarh News: सुप्रीम कोर्ट के फैसले से छत्‍तीसगढ़ के खजाने में हर साल आएगा 5 हजार करोड़

Chhattisgarh News:

Update: 2024-08-14 14:30 GMT

Chhattisgarh News: रायपुर। सुप्रीम कोर्ट ने खनिज उत्‍पादक राज्‍यों के पक्ष में आज एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने खनिज उत्‍पादक राज्‍यों को रायल्‍टी वसूली का अधिकार प्रदान किया है। राज्‍य सरकार रायल्‍टी की वसूली 1 अप्रैल 2005 से कर सकते हैं। करीब 19 साल की इस रायल्‍टी को राज्‍य सरकार अगले 12 वर्षों में वसूल करेंगी, जबकि वर्तमान रायल्‍टी की वसूली तुरंत शुरू हो जाएगी। खनिज और वित्‍त विभाग के जानकारों का अनुमान है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से छत्‍तीसगढ़ के खजाने में सलाना 5 हजार करोड़ रुपये का राजस्‍व बढ़ेगा। यह देश के दूसरे खनिज उत्‍पादक राज्‍यों में सर्वाधिक होगा। हालांकि, राज्य सरकार ने इस पर अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है और यह निर्णय केंद्र सरकार की गाइडलाइन जारी होने के बाद ही राज्य में लागू होगा।

सूत्रों के मुताबिक, उच्च अधिकारियों का कहना है कि गाइडलाइन जारी होने के बाद ही यह तय किया जाएगा कि राज्य सरकार किस तरह की कार्रवाई करेगी। साथ ही, माइनिंग से जुड़े उद्यमियों की संभावित प्रतिक्रिया को देखते हुए सरकार अतिरिक्त विचार करेगी। छत्तीसगढ़ में माइनिंग से सालाना लगभग 13 हजार करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता है, जिसमें मेजर मिनरल से 12 हजार 795 करोड़ रुपये और माइनर मिनरल से 265 करोड़ रुपये शामिल हैं। अब तक, राज्य सरकारें मेजर मिनरल पर कोई अतिरिक्त टैक्स नहीं लगा पा रही थीं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने इस दिशा में नया अवसर प्रदान किया है। यह महत्वपूर्ण निर्णय राज्य के खनिज क्षेत्र में आर्थिक बदलाव ला सकता है और छत्तीसगढ़ को बड़े वित्तीय लाभ की संभावना प्रदान कर सकता है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते 25 जुलाई को ही राज्‍यों के हक में यह फैसला सुनाया था, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे फिर से चुनौती दी थी। केंद्र सरकार का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से देश के सर्वाजनिक उपक्रमों को करीब 70 हजार करोड़ रुपये का झटका लगेगा। इसका असर आम लोगों पर पड़ सकता है। केंद्र सरकार की इस याचिका पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्‍यक्षता वाली 9 सदस्‍यीय पीठ ने सुनवाई की।पीठ ने 31 जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे आज सुनाया गया। पीठ में शामिल सीजेआई सहित 8 जज राज्‍यों को रायल्‍टी देने के पक्ष में थे, जबकि एक जज ने इसका विरोध किया।

Tags:    

Similar News