Chhattisgarh News: खटाई में पड़ सकता है प्रोफेसर भर्ती मामला, नियमों को समझने का फेर और अदालत कार्रवाई की सुनाई देने लगी आहट
Chhattisgarh News: नियमों की गलत व्याख्या का एक और मामला सामने आया है। प्रदेश में लंबे समय पर चालू हुई प्राेफेसरों की भर्ती का मामला विवाद में पड़ते दिखाई दे रहा है। राजपत्र में प्रकाशित नियमों को लेकर पेंच फंसता जा रहा है। नियमों के अनुसार प्राध्यापक भर्ती के लिए 10 साल का अनुभव को अनिवार्य किया गया है। हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट पीएचडी अवार्ड को अनिवार्य कर दिया है। बढ़ते विवाद के बीच अब प्राध्यापक पद के दावेदार हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे हैं।
Chhattisgarh News: बिलासपुर। हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट ने लंबे समय बाद प्राध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। इसके मद्देनजर 595 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया है। भर्ती की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गई है। प्राध्यापक पद के दावेदारों द्वारा जमा किए गए दस्तावेजों का सत्यापन कार्य किया जा रहा है। वेरिफिकेशन के दौरान एक नया पेंच फंस गया है। अभ्यर्थियों से 10 साल के शिक्षकीय कार्य के अनुभव के साथ ही एक पीएचडी अवार्ड मांगा जा रहा है। हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट के अफसरों और अभ्यर्थियों के बीच इसी बात को लेकर विवाद बढ़ते जा रहा है। जाहिर है जिन अभ्यर्थियों के पास पीएचडी अवार्ड नहीं है वे न्यायालय का रूख करेंगे। इनका कहना है कि अफसर राजपत्र में प्रकाशित शर्तों व अधिसूचना की गलत व्याख्या कर रहे हैं। इस विवाद के बीच अदालती कार्रवाई की आहट सुनाई देने लगी है। चर्चा इस बात की जोर पकड़ने लगी है कि नियमों के इस फेर में वंचित रहने वाले अभ्यर्थी छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे हैं।
अपने-अपने दावे
प्राध्यापक पद के उम्मीदवारों का कहना है कि छत्तीसगढ़ राजपत्र 2023 में दी गई शर्तों के अनुसार प्राध्यापक पद के लिए अधिकतम आयु सीमा 56 वर्ष तय की गई है। पीएचडी की उपाधि के साथ प्रकाशन कार्य किया हो। बतौर साक्ष्य रिसर्च से जुड़े होने की जानकारी भी देनी हाेगी। यूजीसी सूचीबद्ध जर्नल में कम से कम 10 किताबों का प्रकाशन किए हों।
इसे लेकर बन रही विवाद की स्थिति
हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट द्वारा प्राध्यापक पद पर भर्ती के लिए राजपत्र में 6 सितंबर 2021 को प्रकाशित अधिसूचना का हवाला देते हुए कम से कम 120 रिसर्च की अनिवार्यता रख दी है। यूनिवर्सिटी या कालेज में प्राध्यापक,सहायक प्राध्यापक या सह प्राध्यापक के रूप में कम से कम 10 वर्ष का शैक्षणिक अनुभव या यूनिवर्सिटी या राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं में समतुल्य स्तर पर शोध अनुभव के साथ सफल रूप से डॉक्टरेट के अभ्यार्थियों का मार्गदर्शन करने का साक्ष्य हो। इसकी अनिवार्यता रख दी है।
तो ये अभ्यर्थी हो जाएंगे बाहर
उम्मीदवारों का कहना है कि एक पीएचडी अवार्ड, 10 साल का अनुभव या फिर 10 साल रिसर्च के साथ एक पीएचडी अवार्ड मांगा है। दस्तावेज वेरिफिकेशन के समय इन शर्तों को अनिवार्य कर दिया गया है। इसके चलते वर्ष 2012 के अभ्यर्थी प्राध्यापक पद की दौड़ से बाहर हो जाएंगे। यही अभ्यर्थी हाई कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।
अटलबिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी ने तो कर दिया है गजब
अटलबिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी वर्ष 2012 के बाद अब जाकर पीएचडी अवार्ड कर रही है। 54 के करीब शोधार्थियों को अवार्ड पारित किया गया है। आशंका जताई जा रही है कि वर्ष 2012 बैच के अधिकांश शिक्षक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा से बाहर हो जाएंगे।