हिस्ट्रीशीटर कैसे बना कांग्रेस का संयुक्त महामंत्री: जिला कांग्रेस की कार्यकारिणी में संजू का नाम और पुलिस-पार्टी खंडन करती रही, देखें लिस्ट...
बिलासपुर। न्यायधानी में एक हिस्ट्रीशीटर की सुपारी किलिंग के बाद पुलिस और कांग्रेस पार्टी संजू त्रिपाठी को कांग्रेस मानने से इंकार करती रही। कांग्रेस की लिस्ट में संजू उर्फ प्राणनाथ त्रिपाठी जिला कांग्रेस कमेटी बिलासपुर ग्रामीण में संयुक्त महामंत्री है। सूत्रों के मुताबिक बिलासपुर जिले में हर दूसरा कांग्रेस जमीन के धंधे में जुड़ा है। सत्ताधारी पार्टी से होने के कारण पुलिस का सपोर्ट मिलता है। आलम यह है कि संजू त्रिपाठी जैसे कई हिस्ट्रीशीटर खाली निजी जमीनों पर बलात कब्जा करने लगे हैं। कई ऐसे भी उदाहरण सामने आए हैं, जहां जमीन की सुरक्षा के लिए लोग बाउंड्रीवॉल बना रहे हैं। जमीन के धंधे में आपसी रंजिश बढ़ रही है, जिससे गैंगवार का खतरा मंडरा रहा है।
तुर्काडीह बाइपास चौक के पास बुधवार अपराह्न करीब सवा चार बजे संजू त्रिपाठी (45 वर्ष) पर पेशेवर हत्यारों ने फायरिंग की। इसमें संजू की मौके पर ही मौत हो गई। संजू जिस गाड़ी में था, उसमें जिला कांग्रेस महामंत्री लिखा हुआ था। मीडिया में जब कांग्रेस पार्टी के नेता की हत्या की खबरें आनी शुरू हुई तो पुलिस और कांग्रेस पार्टी दोनों ने सिरे से खारिज कर दिया। पुलिस ने आनन-फानन में चालीस पेज का हिस्ट्री शीट जारी किया, जिसमें संजू त्रिपाठी के खिलाफ दर्ज केस की डिटेल थी।
ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि जब संजू त्रिपाठी को कांग्रेस पार्टी का पदाधिकारी बनाया गया, तब क्या पदाधिकारियों को इस बात की खबर नहीं थी। गौरतलब है कि स्क्रूटनी और प्रदेश अध्यक्ष की अनुशंसा के आधार पर नियुक्ति की जाती है। संजू त्रिपाठी के खिलाफ ढेरों शिकायतें और केस दर्ज हैं, रासुका की कार्रवाई हो चुकी है, फिर भी उसे कांग्रेस में पदाधिकारी बनाने के बाद संगठन के नेता यह मानने से इंकार करते रहे। यह भी खबरें आ रही हैं कि कांग्रेस का पदाधिकारी होने के कारण पुलिस भी मदद करती थी।
हमले के दौरान घर पर था छोटा भाई कपिल
संजू त्रिपाठी पर जिस समय गोलियां चल रही थीं, तब कपिल घर पर ही था। इसके बाद वह घर से निकला है। ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि कपिल ने ही अपने पिता को भी संजू की हत्या होने की जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक संजू ने जब कपिल पर हमला किया था, तब पहले तो पुलिस ने हत्या के प्रयास का मामला दर्ज नहीं किया। मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया, लेकिन बाद में हटा भी लिया। इसे लेकर कपिल में गुस्सा था। पुलिस इसी आधार पर कपिल को प्राइम सस्पेक्ट मान रही है। हालांकि कुछ जानकार जमीन के धंधे में किसी और से रंजिश के कारण भी हत्या की संभावना से इंकार नहीं कर रहे।