Bilaspur High Court: वो लेटर जिसने खोला प्रदेश में ओपन जेल का रास्‍ता: हाईकोर्ट के निर्देश पर राज्‍य के सीएस ने अपने जवाब में बताया..

Bilaspur High Court:

Update: 2024-07-31 12:09 GMT

Bilaspur High Court: बिलासपुर। हत्या के आरोपी के रिश्तेदारों ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा को पत्र लिखकर जेल के भीतर की अव्यवस्था और कैदियों के साथ किए जा रहे अमानवीय बर्ताव को लेकर ध्यान खींचा है। पत्र में लिखा है कि परिवार के एकमात्र कमाने वाले व्यक्ति के जेल में बंद होने के कारण परिवार के सदस्य दुख में जीवन जी रहे हैं। आर्थिक स्थिति भी बेहद खराब है। पत्र को हाई कोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए प्रदेशभर के जेलों में बंद कैदियों की केस हिस्ट्री पेश करने का निर्देश दिया था। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच में डीजीपी ने रिपोर्ट सौंप दी है। मामले की अगली सुनवाई के लिए दो सप्ताह बाद की तिथि तय कर दी है।

चीफ सेक्रेटरी ने जवाब में बताया है कि प्रदेश की जेलों में 15,485 कैदियों को रखने की क्षमता है। वर्तमान में सीखचों के पीछे 19,476 कैदी है। क्षमता से तीन हजार 991 कैदी अधिक है। अधिवक्ता शिवराज सिंह ने केंद्रीय जेलों में क्षमता से अधिक बंदियों की मौजूदगी को लेकर एक जनहित याचिका दायर की है। जनहित याचिका दायर करने के कुछ समय बाद एक बंदी के रिश्तेदार ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर जेल के भीतर की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है।

जेलों में कैदियों की स्थिति अच्छी नहीं है। इसे अदालत ने स्वत: संज्ञान में लेते हुए एक पत्र याचिका के रुप में स्वीकार किया है। दो जनहित याचिका पर डिवीजन बेंच में एकसाथ सुनवाई हो रही है। मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने अधिवक्ता रणवीर सिंह मरहास को न्यायमित्र नियुक्त कर प्रदेश के जेलों की स्थिति की पड़ताल करने और रिपोर्ट पेश करने निर्देश दिया है।

प्रारंभिक सुनवाई के दौरान राज्य शासन ने कोर्ट को बताया कि जेलों में कैदियों के स्वास्थ्य व अन्य सुविधाओं को लेकर काम किया जा रहा है। रायपुर व बिलासपुर जिले में विशेष जेलों की स्थापना व बेमेतरा में खुली जेल शुरू करने की जानकारी भी दी। राज्य शासन के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि रायपुर जिले में विशेष जेल हेतु भूमि मिल चुकी है। बेमेतरा में खुली जेल की स्थापना की जा रही है। निर्माण कार्य अंतिम चरण पर है।

मासूमों की क्या गलती,मां के साथ 82 बच्चे भी जेल में

जेल में महिला कैदियों के साथ 82 बच्चे भी हैं। 340 ऐसे कैदी हैं जिसे 20 साल से अधिक कारावास की सजा सुनाई गई है। इनकी अपील सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। प्रदेश की जेलों की कुल क्षमता 15,485 है, जिसमें से 19,476 कैदी बंद हैं। 1,843 कैदी कुशल पेशेवर हैं। 504 वरिष्ठ बंदी है। चार कैदियों ने जेल से भागने की कोशिश की थी।

Tags:    

Similar News