Bilaspur High Court: मलेरिया का कहर: चीफ सेक्रेटरी को दोबारा पेश करना होगा रिपोर्ट, हाई कोर्ट ने पूछा- कैसी है बचाव का उपाय और चिकित्सा व्यवस्था

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Update: 2024-07-24 16:04 GMT

Bilaspur High Court: बिलासपुर। मलेरिया और डायरिया से हुई मौत को लेकर बुधवार को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की डीविजन बेंच के सामने चीफ सेक्रेटरी और सीएमएचओ ने अपनी रिपोर्ट पेश की। दोनों अफसरों से कोर्ट ने तैयारियों के सम्बंध में शपथ पत्र के साथ दोबारा रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।

चीफ सेक्रेटरी ने कोर्ट को बताया कि मरीजों का उपचार चल रहा है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने पीड़ितों के उपचार और अस्पतालों में बिस्तर की उपलब्धता के साथ ही आगे की तैयारियों को लेकर जानकारी मांगी। चीफ जस्टिस ने प्रभावी रोकथाम और चिकित्सा व्यवस्था के संबन्ध में शपथ पत्र के साथ जानकारी पेश करने का निर्देश दिया। अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 13 अगस्त की तिथि तय कर दी है।

बस्तर और बिलासपुर में मलेरिया एवं रतनपुर क्षेत्र में डायरिया से मौत को लेकर प्रकाशित खबरों को चीफ जस्टिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में रजिस्टर्ड करने का निर्देश रजिस्ट्रार जनरल को दिया था। साथ ही राज्य शासन के अलावा सीएमएचओ को प्रमुख पक्षकार बनाने कहा था। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविन्द्र अग्रवाल की डीविजन बेंच में जनहित याचिका पर सुनवाई हो रही है। बुधवार को चीफ जस्टिस सिन्हा व जस्टिस रविन्द्र अग्रवाल की डीविजन बेंच में सुनवाई हुई।

मुख्य सचिव, बिलासपुर सीएम्एचओ और स्वास्थ्य विभाग ने कोर्ट को बताया कि जिन इलाकों में मलेरिया का प्रकोप है वहां बीमार लोगों के उपचार की व्यवस्था नजदीक के शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में की गई है। प्रशासन की ओर से गांव और शहरी इलाकों में लोगों को समझाइश दी जा रही है। ऑफस्क्रीन के जवाब के बाद कोर्ट ने कहा कि हमें विश्वास है कि पीड़ितों का समय पर उपचार हो सकेगा। सरकारी अस्पतालों में मरीजों के लिए बेड उपलब्ध रखे जायेंगे।

प्रशासनिक लापरवाही आई सामने

मलेरिया के फैलाव बावजूद शासन की ओर से बचाव के लिए कोई अभियान नहीं चलाने तथा बस्तर के बीजापुर आश्रम में रह रहे दो मासूम बच्चों की मौत, बिलासपुर जिले के कोटा क्षेत्र में तेजी से मलेरिया का प्रकोप बढ़ा। जिसके चलते लोगों की मौत हुई।

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