Bilaspur High Court: हाई कोर्ट की सख्ती: कालोनाइजर और बिल्डर्स समेत 54 को नोटिस, जानिये.. क्‍या है मामला

Bilaspur High Court: एयरपोर्ट और आसपास का पूरा इलाका बेहद संवेदनशील होता है। यह जानकारी प्रशासन से जुड़े आला अफसरों के अलावा माइनिंग के अफसरों को होने के बाद भी यहां लंबे समय से अवैध उत्खनन का गोरखधंधा चल रहा है। हाई कोर्ट की सख्ती के बाद प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया है। अवैध उत्खनन कर करोड़ों का खेला करने वाले कालोनाइजर व बिल्डर्स अब घेरे में आएंगे। ऐसे 54 को नोटिस जारी करने की तैयारी माइनिंग विभाग ने कर दी है। हाई कोर्ट की नाराजगी के बाद अब माइनिंग सिकरेट्री को इस पूरे मामले में शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करना होगा।

Update: 2025-01-10 05:56 GMT

Bilaspur High Court: बिलासपुर। माइनिंग विभाग के अफसरों की चालाकी देखिए, जब हाई कोर्ट ने मीडिया रिपोर्ट को स्वत:संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में रजिस्टर्ड कराया और राज्य शासन के आधा दर्जन विभाग के आला अफसरों को पक्षकार बनाया, इसके तुरंत बाद माइनिंग अफसरों ने चालाकी दिखाते हुए अवैध उत्खनन का आरोप लगाते हुए दो कालोनाइजर को नोटिस थमा दी। हाई कोर्ट को यह बताने के लिए हमने तो यह कर दिया है। सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने नाराजगी भी जताई और कहा कि जब-जब हाई कोर्ट किसी मामले को संज्ञान में लेता है तभी अफसरों को नोटिस जारी करने की याद आती है। इसके पहले क्यों नहीं। तब अफसरों को जवाब देते नहीं बना था। सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच की नाराजगी इस बात को लेकर थी कि संवेदनशील इलाके में गैर कानूनी काम हो रहा है और अफसरों ने इसे रोका भी नहीं। नाराज कोर्ट ने माइनिंग सिकरेट्री को इस पूरे मामले में शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।

हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच की नाराजगी के बाद अब 54 कालोनाइजर व बिल्डर्स को नोटिस जारी कर जवाब मांगने की तैयारी माइनिंग अफसर कर रहे हैं। एयरपोर्ट के पीछे ग्राम तेलसरा में मुरुम की अवैध खोदाई से आसपास का पूरा इलाका गहरे गड्ढे में तब्दील हो गया है। इसे लेकर डिवीजन बेंच ने नाराजगी जताई थी। माइनिंग अफसरों ने बताया कि दो कालोनाइजर को नोटिस जारी किया गया है,तब डिवीजन बेंच की नाराजगी सामने आई थी और सवाल किय था कि और को क्यों छोड़ दिया गया। सभी को नोटिस जारी कर जवाब मांगने का निर्देश कोर्ट ने दिया है।

 सेना की जमीन पर अवैध खुदाई

तेलसरा गांव की जमीन का सेना ने अधिग्रहण कर लिया है। तब सेना ने यहां बेसकेंट बनाने का निर्णय लिया था। इसी जमीन पर बिलासा एयरपोर्ट के रनवे का विस्तार होना है। रनवे विस्तार के लिए जमीन मिलने के बाद सबसे बड़ी दिक्कत ये आएगी कि गहरे गड्ढों की फिलिंग करानी पड़ेगी। इसमें करोड़ों रुपये खर्च होंगे। इसी जमीन ने कालोनाइजरों ने अवैध उत्खनन कर लाखों रुपये का मुरुम बेच दिया है। सेना से जमीन का अधिग्रहण और रनवे विस्तार के लिए जिला प्रशासन ने 288 एकड़ जमीन का सीमांकन कर लिया है।

 मुरुम होगा सीज,सैंपल की कराएंगे जांच

डिवीजन बेंच ने आसपास बन रही सभी कालोनियों में जिस मुरुम का उपयोग किया है उसका सैंपल लेकर लेबोरेट्री टेस्ट कराने का निर्देश दिया है। साथ ही निर्माणाधीन कालोनियों में डंप कर रखे गए मुरुम को सीज करने का निर्देश माइनिंग अफसरों को दिया है।

माइनिंग अफसरों के साथ मिलकर किया ये खेला

मीडिया रिपोर्ट के बाद इस गोरखधंधे से जुड़े खनिज माफिया और कालोनाइजर्स ने माइनिंग अफसरों से मिलीभगत कर पुरानी फाइल आगे बढ़ाई व 7 खसरा नंबर 88/2, 153, 154, 156, 158, 160 और 164/5 पर खुदाई के बाद निकाले गए मुरुम को बेचने के लिए 2400 घन मीटर की रॉयल्टी भी जारी कर ली है।

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