Bilaspur Airport: बिलासा एयरपोर्ट की बड़ी बाधा हुई दूर: विस्‍तार के लिए 287 एकड़ जमीन का हुआ सीमांकन

Bilaspur Airport:

Update: 2024-08-02 13:33 GMT

Bilaspur Airport: बिलासपुर। बिलासा एयरपोर्ट की एक बड़ी बाधा दूर हो गई है। सेना के कब्जे वाली 287 एकड़ जमीन के सीमांकन का काम पूरा हो गया है। जल्द ही जमीन एयरपोर्ट प्रबंधन को सौंप दी जाएगी। जमीन मिलने के बाद रनवे की लंबाई और चौड़ाई बढ़ाने के साथ ही नाइट लैंडिंग के लिए आवश्यक काम को भी पूरा किया जाएगा। एयरपोर्ट के फोर सी श्रेणी में उन्नयन का रास्ता भी अब खुल जाएगा। बिलासा एयरपोर्ट से महानगरों की कनेक्टिविटी बढ़ेगी। अंचलवासियों के लिए यह राहत भरी खबर हो सकती है।

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के कड़े रूख और स्पष्ट निर्देश के बाद आखिरकार सेना के स्वामित्व वाली जमीन का सीमांकन का काम पूरा कर लिया गया है। सीमांकन के दौरान जबलपुर से सेना के अफसरों ने यहां कैंप किया था। राजस्व विभाग की पूरी टीम बीते एक सप्ताह से सीमांकन कार्य में लगी हुई थी। सीमांकन का काम पूरा होने के बाद शनिवार को पूरी रिपोर्ट राज्य शासन के हवाले किया जाएगा। सीमांकन के दौरान एक बात सामने आई कि 287 एकड़ जमीन में बड़े-बड़े पेड़ है। जिसे विमान के लैंडिंग और टेकआफ के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से काटना पड़ेगा। पेड़ों की कटाई और सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी डीएफओ को दी गई है। माना जा रहा है कि वन विभाग की देखरेख में जल्द ही पेड़ों की कटाई का काम प्रारंभ होगा।

एक साल पहले राज्य शासन ने दे दिया था 90 करोड़

सेना से जमीन वापसी को लेकर बीते डेढ़ साल पहले ही सहमति बन गई थी। सेना द्वारा सहमति जताने के बाद राज्य शासन ने जमीन के एवज में रक्षा मंत्रालय को 90 करोड़ रुपये दे दिया था। भूमि का सीमांकन ना होने के कारण जमीन का हस्तांतरण एयरपोर्ट प्रबंधन को नहीं किया गया था।

बची जमीन को लेकर होने लगी चर्चा

सेना के कब्जे वाली 287 एकड़ जमीन मिलने के बाद सेना के पास चकरभाठा में अब भी 725 एकड़ जमीन बच रही है। इस जमीन को भी एयरपोर्ट प्रबंधन के हवाले करने की चर्चा शुरू हो गई है। एयरपोर्ट के फोर सी श्रेणी में उन्नयन होने की स्थिति में शेष बची हुई जमीन पर एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस हब की स्थापना की जा सकती है।

रनवे का होगा विस्तार

जमीन का हस्तांतरण होने और एयरपोर्ट के कब्जे में आने के बाद सबसे पहले रनवे का विस्तार किया जाएगा। रनवे की लंबाई 1500 मीटर से बढ़कर 2200 मीटर किया जाना है। रनवे की लंबाई और चौड़ाई बढ़ने के बाद एयरबस और बोइंग जैसे विमान बिलासा एयरपोर्ट में आसानी के साथ लैंड कर सकेगा।

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