PPF, NSC, सुकन्या जैसी स्कीम में पैसा लगाने वालों के लिए बड़ी खबर, घट सकती है ब्याज दर… सरकार के इस फैसले से होगा मुनाफे पर असर
नईदिल्ली 4 फरवरी 2020। पीपीएफ, एनएससी और सुकन्या समृद्धि जैसी लघु बचत योजनाओं पर मिलने वाला ब्याज कम हो सकता है। आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती ने अगली तिमाही से छोटी बचत पर मिलने वाली ब्याज दर में बाजार के अनुरूप बदलाव के संकेत दिए हैं। सरकार ने बैंक जमा दरों में कमी के बावजूद मौजूदा तिमाही (जनवरी-मार्च) के लिए लघु बचत योजनाओं के लिए ब्याज दर में बदलाव से परहेज किया था। मोदी सरकार ने इस बार अपने बजट में लोगों के सामने दो इनकम टैक्स की स्कीम रख दी। इनकम टैक्स के बाद कहा जा रहा है कि मोदी सरकार अगला कदम स्मॉल सेविंग स्कीम जैसे की पीपीएफ, एनएससी, सुकन्या स्मृद्धि योजना जैसी सरकारी योजनाओं के लिए उठा सकती है।
अतनु चक्रवर्ती ने अगली तिमाही में लघु बचत ब्याज दरों को घटाने के संकेत दिए हैं। उनका कहना है कि इसे बाजार दरों के अनुरूप संतुलित बनाया जा सकता है। इससे नीतिगत दरों के लाभ को तेजी से आम लोगों तक पहुंचाने में मदद मिलने की संभावना है। बैंक जमा दरों में नरमी के बावजूद चालू तिमाही में सरकार ने पब्लिक प्रोविडेंट फंड और राष्ट्रीय बचत पत्र समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कटौती करने से दूरी बनाए रखी।
चक्रवर्ती ने कहा कि देश में हमारे पास वर्तमान में लगभग 12 लाख करोड़ रुपये लघु बचत योजनाओं में और करीब 114 लाख करोड़ रुपये बैंक जमा के रूप में हैं. इससे बैंकों की देनदारी इन 12 लाख करोड़ रुपये से प्रभावित हो रही है।
सरकार स्मॉल सेविंग स्कीम्स में निवेश करने वाले लोगों को अगले महीने झटका दे सकती है। सरकार छोटी निवेश स्कीम्स की ब्याज दरों में बदलाव कर सकती है। सूत्रों की माने तो सरकार अगले महीने से इन स्कीम्स की ब्याज दरों में बड़ा बदलाव कर सकती है। आर्थिक मामलों के सचिव ने इसका इशारा दिया है, जिसके बाद से इस बात के कयास तेज हो गए हैं कि सरकार इन सेविंग स्कीम्स की ब्याज दर में कटौती कर लोगों को झटका दे सकती है।
माना जा रहा है कि सरकार पीपीएफ, एनएससी, एनपीएल, सुकन्या योजना जैसी सरकारी स्कीम की ब्याज दर में कटौती कर सकती है। ये कटौती कितनी होगी इसके बारे में फिलहाल जानकारी नहीं मिली है। आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती ने इस बात की ओर इशारा किया कि अगली तिमाही में सरकार स्मॉल सेविंग की ब्याज दरों में कटौती कर सकती है। उनका कहना है कि इसे बाजार दरों के अनुरूप संतुलित बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इससे नीतिगत दरों के लाभ को तेजी से आम लोगों तक पहुंचाने में मदद मिलने की संभावना है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सरकार के पास लगभग 12 लाख करोड़ रुपए स्मॉल सेविंग स्कीम और करीब 114 लाख करोड़ रुपए बैंक डिपॉजिट के रूप में हैं। सरकार बैंक डिपॉजिट और स्मॉल सेविंग स्कीम के बीच ब्याज दरों के अंतर को खत्म करने की कोशिश कर रही है।
जीडीपी विकास दर, कर संग्रह और घाटे के बजट अनुमान पर उन्होंने कहा कि ये आंकड़े वास्तविक हैं। उन्होंने कहा, ‘बीते साल हमने तमाम मुश्किलों का सामना किया और कुछ नीतिगत फैसले भी लिए गए। मुझे इन लक्ष्यों को हासिल करने में कोई दिक्कत नहीं नजर आती है।’