ग्राहकों की शिकायतों के घेरे में ओला इलेक्ट्रिक, अन्य ईवी कंपनियों पर भी संकट के बादल

ओला इलेक्ट्रिक पर सीसीपीए द्वारा चल रही जांच अब अन्य ईवी कंपनियों तक भी पहुंचने वाली है। ग्राहकों की शिकायतों और उनके समाधान की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए, सीसीपीए ने ओला के दावों को खारिज किया है। यह मामला अन्य इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं के लिए भी चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।

Update: 2024-11-24 07:01 GMT

ओला इलेक्ट्रिक की मुश्किलें बढ़ीं

देश की प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी ओला इलेक्ट्रिक (OLA Electric) लगातार विवादों में घिरती नजर आ रही है। पहले से ही केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ओला के खिलाफ ग्राहकों की शिकायतों की जांच कर रहा है। अब खबर है कि यह जांच केवल ओला तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि अन्य इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियों तक भी विस्तार हो सकती है।

सूत्रों के मुताबिक, सीसीपीए जल्द ही अन्य ईवी निर्माताओं को भी नोटिस जारी करेगा। यह कदम नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन पर दर्ज शिकायतों के आधार पर उठाया जा रहा है। एक प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी को अगले 15 दिनों में नोटिस मिलने की संभावना है, जिसके बाद विस्तृत जांच शुरू होगी।


ओला इलेक्ट्रिक पर क्या हैं आरोप?
सीसीपीए ने ओला इलेक्ट्रिक के खिलाफ जांच में कई गंभीर मुद्दे पाए हैं।

  • कंपनी का दावा था कि उसने 10,644 शिकायतों में से 99.1% समस्याओं को हल कर दिया है।
  • लेकिन जांच में पाया गया कि वास्तविकता इसके उलट है, और करीब 80% शिकायतें अभी भी अनसुलझी हैं।

इसके अलावा, सीसीपीए ने पाया कि ओला इलेक्ट्रिक अपनी “नो-क्वेश्चन-आस्क्ड” रिफंड पॉलिसी के तहत ग्राहकों को केवल कूपन कोड जारी कर रही थी। यह नीति ग्राहकों के अधिकारों का उल्लंघन करती है। सीसीपीए ने कंपनी को निर्देश दिया कि वह रिफंड के लिए वैकल्पिक और पारदर्शी समाधान उपलब्ध कराए।


ग्राहकों की संतुष्टि पर सवाल
ओला इलेक्ट्रिक ने ग्राहकों की संतुष्टि को प्राथमिकता देने का दावा किया था। लेकिन सीसीपीए ने इसे गलत साबित करते हुए कहा कि कंपनी की फाइलिंग और वास्तविकता में बड़ा अंतर है।

  • सीसीपीए ने ओला को ग्राहकों की समस्याओं के समाधान में और अधिक प्रभावी और पारदर्शी होने की आवश्यकता पर जोर दिया।
  • यह मामला ग्राहकों के अधिकारों की उपेक्षा के गंभीर उदाहरण के रूप में सामने आया है।

अन्य ईवी कंपनियों पर भी नजर
ओला इलेक्ट्रिक की जांच से उपजी परिस्थितियां अब पूरी ईवी इंडस्ट्री के लिए बड़ी चुनौती बनती जा रही हैं।

  • सीसीपीए जल्द ही अन्य कंपनियों को नोटिस भेजकर ग्राहकों की शिकायतों और उनके समाधान की प्रक्रिया की जांच शुरू करेगा।
  • ईवी इंडस्ट्री में ग्राहकों की बढ़ती शिकायतें और उनकी संतुष्टि के प्रति कंपनियों की लापरवाही अब सरकार की सख्ती का कारण बन रही हैं।

ईवी इंडस्ट्री के लिए सबक और चेतावनी
यह मामला सिर्फ ओला इलेक्ट्रिक तक सीमित नहीं रहेगा। अन्य इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों के लिए यह एक चेतावनी है कि ग्राहकों की शिकायतों को गंभीरता से न लेना महंगा साबित हो सकता है।

ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री, विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में, ग्राहकों की संतुष्टि और पारदर्शिता अब सबसे महत्वपूर्ण मानदंड बन गए हैं। सीसीपीए की यह कार्रवाई उद्योग को न केवल जवाबदेह बनाएगी, बल्कि ग्राहकों के अधिकारों की सुरक्षा को भी प्राथमिकता देगी।

आने वाले समय में यह देखा जाएगा कि इंडस्ट्री इस चुनौती का सामना कैसे करती है और अपनी नीतियों में आवश्यक बदलाव कैसे लाती है।

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