Kia Carens Clavis: EV और पेट्रोल वर्जन में कौन-सा है बेस्ट? खरीदने से पहले जान लें ये 5 बड़े फर्क!
EV vs Petrol Kia Carens Clavis: किआ मोटर्स ने भारतीय बाजार में अपनी पहली मेड-इन-इंडिया इलेक्ट्रिक 7-सीटर MPV, Kia Carens Clavis EV को लॉन्च कर दिया है।
EV vs Petrol Kia Carens Clavis: किआ मोटर्स ने भारतीय बाजार में अपनी पहली मेड-इन-इंडिया इलेक्ट्रिक 7-सीटर MPV, Kia Carens Clavis EV को लॉन्च कर दिया है। वहीं इसका पेट्रोल और डीजल इंजन वाला वर्जन पहले से ही मार्केट में उपलब्ध है। अब जब ग्राहक के पास एक ही मॉडल के दो पावरट्रेन ऑप्शन मौजूद हैं, तो ये सवाल उठना लाजमी है कि दोनों में से कौन-सा वर्जन बेहतर है? आइए जानते हैं Kia Carens Clavis EV और ICE (पेट्रोल/डीजल) वेरिएंट के बीच 5 बड़े फर्क, जो आपके लिए फैसला लेने में मदद कर सकते हैं।
1. पावरट्रेन और माइलेज में फर्क | Powertrain and Mileage Difference:
Kia Carens Clavis EV को दो बैटरी पैक ऑप्शन और तीन वेरिएंट्स में लॉन्च किया गया है। कंपनी का दावा है कि EV एक बार फुल चार्ज में 490 किलोमीटर तक की रेंज देती है। वहीं पेट्रोल वर्जन में 1.5-लीटर नैचुरली एस्पिरेटेड इंजन (115hp), 1.5-लीटर टर्बो पेट्रोल इंजन (160hp) और 1.5-लीटर डीजल इंजन (116hp) के ऑप्शन मिलते हैं। इसका टर्बो पेट्रोल वर्जन 15.95 kmpl और DCT वर्जन 16.66 kmpl तक का माइलेज देता है, जबकि डीजल इंजन वेरिएंट 19.54 kmpl तक का माइलेज दे सकता है। यानी, माइलेज चाहने वालों के लिए पेट्रोल-डीजल ऑप्शन बेहतर हो सकता है, जबकि लंबी रेंज और कम ऑपरेटिंग कॉस्ट के लिए EV बढ़िया है।
2. टेक्नोलॉजी और ड्राइविंग एक्सपीरियंस | Technology and Driving Experience:
Carens Clavis EV में खास i-पैडल टेक्नोलॉजी दी गई है, जो एक एडवांस वन-पैडल ड्राइविंग सिस्टम है। इसमें ड्राइवर सिर्फ एक्सीलेरेटर पैडल से कार को तेज, धीमा और रोक सकता है। साथ ही इसमें चार लेवल की रिजनरेटिव ब्रेकिंग और एक इंटेलिजेंट ऑटो मोड भी मिलता है, जो ट्रैफिक के हिसाब से ब्रेकिंग को एडजस्ट करता है। वहीं पेट्रोल वर्जन में कंपनी ने iMT और 7-स्पीड DCT जैसे ट्रांसमिशन दिए हैं, जो परफॉर्मेंस को स्मूद बनाते हैं लेकिन EV की तरह स्मार्ट और फ्यूचरिस्टिक टेक्नोलॉजी का अनुभव नहीं देते।
3. कीमत और वैरिएंट ऑप्शन | Price and Variant Availability:
Carens Clavis EV की शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत ₹17.99 लाख है जो टॉप वेरिएंट में ₹24.49 लाख तक जाती है। वहीं पेट्रोल और डीजल वर्जन की कीमत ₹11.50 लाख से शुरू होती है और ₹21.50 लाख तक जाती है। EV में फिलहाल सीमित वेरिएंट्स हैं, जबकि ICE वर्जन 7 वैरिएंट्स (HTE, HTE(O), HTK, HTK+, HTK+(O), HTX और HTX+) में उपलब्ध है। यानी बजट में विकल्प की बात करें तो पेट्रोल-डीजल वर्जन ज्यादा किफायती और विकल्पों से भरपूर है।
4. फीचर्स और डिजाइन डिफरेंस | features and design difference:
दोनों ही वर्जन में शानदार फीचर्स दिए गए हैं, जैसे डुअल 10.25-इंच स्क्रीन सेटअप, वायरलेस Android Auto/Apple CarPlay, BOSE ऑडियो सिस्टम, वेंटिलेटेड सीट्स और कनेक्टेड कार टेक्नोलॉजी। EV वर्जन का डिज़ाइन थोड़ा ज्यादा मॉडर्न और फ्यूचरिस्टिक लगता है, जिसमें डिजिटल टाइगर फेस, आइस-क्यूब LED हेडलैंप्स और एक्सक्लूसिव अलॉय व्हील्स दिए गए हैं। ICE वर्जन में भी अपमार्केट टच देने की कोशिश की गई है, लेकिन EV में ज्यादा हाई-टेक अपील नजर आती है।
5. मेंटेनेंस और लॉन्ग टर्म खर्च | Maintenance and Long-Term Cost:
EV वर्जन में इंजन, गियरबॉक्स और ऑयल-फिल्टर जैसी मेंटेनेंस की जरूरत नहीं होती, जिससे लॉन्ग टर्म में ऑपरेटिंग कॉस्ट काफी कम हो जाती है। वहीं पेट्रोल और डीजल इंजन वाले वर्जन में रेगुलर सर्विसिंग और फ्यूल खर्च ज्यादा आता है। EV वर्जन पर्यावरण के लिहाज से भी बेहतर है, लेकिन इसे चार्ज करने की सुविधा और इंफ्रास्ट्रक्चर जरूरी है।