टॉपर बनकर भी डिप्टी कलेक्टर नहीं बन पायेगी अनिता सोनी…. 955 अंकों के साथ सीजी PSC की टॉपर रही है रायपुर की अनिता… जानिये डिप्टी कलेक्टर के बजाय जूनियर पोस्ट पद क्यों मिलेगा उन्हें

Update: 2020-01-22 11:08 GMT

रायपुर 22 दिसंबर 2020। PSC का इम्तिहान देने वाले हर शख्स का सपना या तो डिप्टी कलेक्टर का होता है या फिर डीएसपी का… लेकिन छत्तीसगढ़ पीएससी की टॉपर अनिता सोनी डिप्टी कलेक्टर नहीं बन पायेगी। मंगलवार की देर रात जारी हुई मेरिट लिस्ट में रायपुर की अनिता ने कुल 955 अंकों के साथ स्टेट टॉपर बनी थी, बावूज पीएससी के टॉप का पोस्ट “डिप्टी कलेक्टर” इस टॉपर को नहीं मिलेगा।

हालांकि ऐसा किसी अन्य वजहों से नहीं, बल्कि खुद अनिता सोनी की मर्जी से होगा। दरअसल अनिता सोनी ने अपने एप्लीकेशन फार्म में ही “लेखा अधिकारी” का पद चुना है, लिहाजा उनकी वरीयता के आधार पर सरकार उन्हें उसी पोस्ट पर पोस्टिंग देगी। हालांकि सुबह मीडिया से बातचीत में जब अनिता सोनी से ये सवाल पूछा गया था कि उन्होंने डिप्टी कलेक्टर के बजाय एकाउंट अफसर का पोस्ट क्यों चुना?…तो उन्होने कहा था कि

“एकाउंट अफसर का मतलब सिर्फ एकाउंटिंग नहीं होता, बल्कि उसका भी एक विस्तृत दायरा होता है, वैसे भी एकाउंटेंसी मेरी पसंद रहा है, इसलिए मैंने इसे लिया था”

अनिता सोनी के रिजल्ट पर गौर करे, तो उनका परफार्मेंस शानदार रहा है। हालांकि ये बात जरूर है कि उन्हें इंटरव्यू में बहुत अच्छे नंबर नहीं मिले, लेकिन एग्जाम में उनके नंबर बेहद शानदार रहे। उन्हें इंटरव्यू सिर्फ 70 नंबर ही मिले थे।

दरअसल इंटरव्यू के पहले अभ्यर्थियों से उनके पद की वरीयता मांगी जाती है, टॉप-5 पदों की लिस्ट में जो भी भी पहली वरीयता होती है, वो उसे आवंटित कर दी जाती है, अगर पहली वरीयता का पद समाप्त हो जाता तो फिर दूसरा और दूसरा खत्म हो जाने पर तीसरे या अन्य पदों का आवंटन होता है।

ऐसे में अनिता सोनी ने पहली वरीयता लेखा अधिकारी की दी है, लिहाजा डिप्टी कलेक्टर के बजाय उऩ्हें एकाउंट अफसर के पद से ही संतोष करना पड़ जायेगा।

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