10 करोड़ लेने वाले बयान पर बोले अमित जोगी- 10 करोड़ अगर भाजपा दे ही देती तो मैं विधिक कार्रवाई के बारे में सोचता ही नहीं……समझौता के फैसले पर क्या कहा… पढ़िये

Update: 2020-10-31 00:53 GMT

रायपुर 31 अक्टूबर 2020। मरवाही चुनाव अब बेहद ही दिलचस्प हो गया है। जोगी कांग्रेस ने भाजपा को समर्थन देने के ऐलान कर दिया है। इस समर्थन के ऐलान के बाद अब बीजेपी और कांग्रेस की मरवाही में सीधी लड़ाई हो गयी है। आधी रात को अमित जोगी ने इस समर्थन का ऐलान किया। हालांकि ये कयास उसी दिन से लग रहे थे, जिस दिन अमित जोगी का नामांकन रद्द हो गया था, लेकिन जिस तरह से अमित जोगी और रेणु जोगी ने न्याय योजना के शुरुआत की बात कही और अलग-अलग जगहों पर यात्राएं निकाली गयी, उसके बाद इस पर थोड़ सस्पेंस हो गया था।

अब अमित जोगी के ऐलान के बाद मरवाही का सियासी गणित बिलुक्ल अलग हो गया है। अमित जोगी ने कहा है कि

“यह अस्थाई गठबंधन है.. कार्यकर्ताओ और पार्टी के इस निर्णय के पीछे कारण मेरे पिता और परिवार का लगातार अपमान..” विश्व की सबसे धनी पार्टी है भाजपा.. दे देती दस करोड़ तो मैं इस आरोप पर कोई विधिक कार्यवाही की नहीं सोचता.. – A टीम B टीम नही.. हम C टीम हैं.. C मतलब छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़िया… बहुत जल्द न्यायालय से सही ग़लत तय होगा.. मरवाही अपना वास्तविक सेवक हासिल कर लेगी”

इससे पहले अमित जोगी ने देर रात भाजपा को समर्थन देने का ऐलान किया। अमित जोगी ने कहा कि देर रात मुझे मेरे विधायक दल के नेता धरमजीत सिंह और विधायक दल के सचिव राजेंद्र राय ने जानकारी दी कि उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी गम्भीर सिंह का समर्थन करने का निर्णय ले लिया है। प्रमोद शर्मा और अधिकांश पार्टी कार्यकर्ता भी इस बात पर अपनी सहमति दे चुके हैं। मेरी भाजपा के किसी नेता से आज तक इस सम्बंध में सीधा संवाद नहीं हुआ है पर मैं अपनी पार्टी के नेताओं की इस राय से पूर्ण रूप से सहमत हूँ।

अमित जोगी ने कहा कि मेरा अपना मानना है कि वैचारिक रूप से क्षेत्रीय दल और राष्ट्रीय दल में स्थायी समझौता सम्भव नहीं है बशर्ते कि राष्ट्रीय दल हमारी स्वराज की भावना का सम्मान करे। किंतु वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जब कांग्रेस ने मेरे स्वर्गीय पिता अजीत जोगी जी के अपमान को अपने प्रचार का मुख्य केंद्र-बिंदु बना ही लिया है और मेरे परिवार को चुनाव के मैदान से छलपूर्वक बाहर कर दिया है, तो ऐसी परिस्थिति में मुझे मेरे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का निर्णय स्वाभाविक और सर्वमान्य लगता है। वैसे भी मुझे पूरी उम्मीद है कि ये उपचुनाव न्यायपालिका की चुनाव याचिका की कसौटी में स्वमेव एक साल के भीतर स्थगित हो जाएगा और मरवाही की जनता को अपनी इच्छा अनुसार विधायक चुनने का अवसर एक बार फिर ज़रूर मिलेगा।

मैंने अपनी माँ और पार्टी की वर्तमान सुप्रीमो अजीत जोगी की विधवा, और छत्तीसगढ़ के इतिहास की सबसे वरिष्ठ विधायक डॉक्टर रेनु जोगी से इस सम्बंध में चर्चा की है और वो इस बात से सहमत है। मेरे पिता जी के स्वर्गवास के बाद हमारी पार्टी- और परिवार- में उनका निर्णय अंतिम होता है। इसीलिए मैं बड़ी सोच समझकर मरवाही की जनता से कांग्रेस के विरोध में वोट करने की अपील करता हूँ। कांग्रेस का जनता से लूटा पैसा, साड़ी, शॉल, बिछिया, दारू और ₹15000 प्रति वोट भले ही आप ले लें लेकिन उनकी धमकी में न आएँ और वोट मेरे पिता को अपमानित करने वालों के ख़िलाफ़ ही दें। लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताक़त यही है की वोटिंग मशीन और आपके मतदान के बीच का रिश्ता सर्वथा गोपनीय रहेगा। इसमें किसी की तांक-झांक सम्भव नहीं है।कांग्रेस की एक बार फिर जमानत ज़ब्त कराना हमारा एकमात्र उद्देश होना चाहिए!

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