जोगी को अमरजीत ने बताया अपना गुरू !…बोले- कभी-कभी ही ऐसा संयोग आता है जब पुराने गुरू सवाल पूछे और शिष्य जवाब दे….. फिर छिड़ गयी गुरू-शिष्य पर ऐसी चर्चा, कि विधानसभा अध्यक्ष ने सुनाये कबीर के दोहे…पढिये सदन ने इस दिलचस्प चर्चा

Update: 2020-03-06 07:36 GMT

रायपुर 6 मार्च 2020। …गुरु-शिष्य परंपरा को लेकर आज सदन खुब गुदगुदाया…दरअसल हुआ यूं कि आज प्रश्नकाल में अजीत जोगी का दूसरे नंबर पर सवाल था। पूर्व मुख्यमंत्री ने धान के उठाव को लेकर सवाल पूछा था…जवाब देने के लिए जैसे ही अमरजीत भगत उठे…उन्होंने ये कहकर अपने जवाब की शुरुआत करनी चाही कि

ऐसा संयोग कभी कभी ही आता है…जब पुराने गुरू सवाल पूछें और शिष्य उनका जवाब दें… मैं भरपूर कोशिश करूंगा कि गुरू को संतुष्ट कर सकूं…

ये सुनते ही अजय चंद्राकर ने तुरंत कहा कि …

अध्यक्ष जी! गुरू कभी पुराने नहीं होते…उन्हे ये कहना होगा …

अजीत जोगी ने इसके बाद अजय चंद्राकर को मुस्कुराते हुए कहा कि

हमारी गुरू-शिष्य परंपरा कायम है…

विधानसभा सभा अध्यक्ष चरणदास महंत भी इसके बाद तुरंत कबीर का दोहा कहते हुए बोले…

गुरु बिन ज्ञान न ऊपजे, गुरु बिन मिले न मोक्ष |

विधानसभा अध्यक्ष के दोहे के बाद रविंद्र चौबे ने अजीत जोगी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि …

गुरू गुड़ रह गया और चेला……

संसदीय कार्यमंत्री के इस कटाक्ष पर अजीत जोगी ने तंज कसते हुए कहा कि…

आप जो बोल रहे हैं कि गुरू गुड़ रह गया… वो आपको अगले चुनाव में पता चल जायेगा…आप जो बोल रहे हैं ना गुरू गुड़ पता चलेगा….

इसके बाद विपक्ष की तरफ हंसते हुए एक और आवाज आयी कि…

जोगी जी के कई शिष्य आजकल शक्कर बनने की कोशिश कर रहे हैं

ये पूरी वार्तालाप हंसी-ठहाकों के बीच चलती रही…करीब 3 मिनट के बाद अमरजीत भगत ने जवाब देना शुरू किया।

जोगी ने ये सवाल उठाया.. बारिश से धान अंकुरित हो गया है इनकी राशी 50 से 60 करोड़ है

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