हिस्ट्रीशीटर की तलाश में लगे 7 हजार पुलिसकर्मी, ADG प्रशांत कुमार ने कहा- पुलिस की तरफ से हुई बड़ी चूक…. एनकाउंटर में विकास दुबे के दो रिश्तेदार ढेर…

Update: 2020-07-03 07:16 GMT

कानपुर 3 जुलाई 2020. कानपुर में शातिर अपराधी विकास दुबे को पकड़ने गयी पुलिस टीम पर हुये हमले में आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गये हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश के बाद मौके पर पहुंचे एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने इस घटना को पुलिस की चूक माना है. लखनऊ से कानपुर देहात पहुंचे प्रशांत कुमार ने कहा कि इस मामले में पुलिस की तरफ से बड़ी चूक हुई. प्रशांत कुमार सीएम योगी को अपनी रिपोर्ट देंगे. एडीजी ने कहा कि कानपुर पुलिस से मुखबिरी हुई या किसने की पुलिस की मुखबिरी इस मामले की गहन जाँच शुरू कर दी गई है. कानपुर जिले को सील कर दिया गया है. 7 हजार की संख्या में पुलिसकर्मियों की टीम विकास दुबे की तलाश में लगी है. हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके साथियों की तलाश में एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार समेत छह अफसरों की टीम बनाई गई है. इसमें ठोकिया और ददुआ गैंग का एनकाउंटर करने वाली एसटीएफ के अफसर भी शामिल हैं.

ADG प्रशांत कुमार ने कहा कि किसी भी हालत में अपराधी बख्शे नहीं जाएंगे. पुलिसकर्मियों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी.मुख्यमंत्री के निर्देश पर हरकत में आ चुकीं पुलिस की एक दर्जन टीमें विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए ताबड़तोड़ दबिश दे रही हैं. कानपुर मंडल कानपुर, कानपुर देहात, कन्नौज, फर्रुखाबाद, इटावा, औरैया की सभी सीमाएं सील कर दी गई हैं.

रात तीन बजे से पुलिस की टीमें हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की तलाश में जुटी हैं. इसी बीच सुबह सूचना मिली कि विकरू गांव से दो किमी की दूरी पर कुछ बदमाश छिपे हैं. पुलिस टीम ने घेराबंदी की. लेकिन पुलिस को देखते ही बदमाशों ने फायरिंग कर दी. आईजी ने बताया कि इस मुठभेड़ में विकास दुबे का मामा प्रेम प्रकाश पाण्डेय और उसका साथी अतुल दुबे ढेर हुआ है. हालांकि, इस दौरान दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. पुलिस के लूटे असलहे भी बरामद हुए हैं. बदमाशों के तीन और साथी थे, वे फरार हो गए। उनकी तलाश में शिवली एरिया में पुलिस टीम लगाई गई है.

डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने बताया कि मुख्य आरोपी विकास के खिलाफ 60 मामले दर्ज हैं। 24 घंटे पहले राहुल नाम के युवक ने इसके खिलाफ हत्या की कोशिश करने का केस दर्ज कराया था। पुलिस उसे पकड़ने गई थी। लेकिन, उसने जेसीबी लगाकर पुलिस का रास्ता रोक दिया था। जिस कारण हमारी गाड़ी मौके पर नहीं पहुंच सकी। अंधेरे का फायदा उठाकर बदमाश घरों की छत पर थे। पुलिस के पहुंचते ही अंधाधुंध फायरिंग की गई। इस दौरान सीओ बिल्हौर, तीन सब इंस्पेक्टर समेत आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। सात पुलिसकर्मी घायल हैं। विकास मौके से भाग गया।

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