5 शिक्षिकाओं ने खाया जहर : मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन कर रही 5 शिक्षिकाओं ने खाया जहर…. दो की हालत गंभीर… ट्रांसफर, नियमितिकरण सहित कई मांगों को लेकर प्रदर्शन

Update: 2021-08-25 01:06 GMT

कोलकाता 25 अगस्त 2021।पांच शिक्षिकाओं ने राज्य के शिक्षा विभाग के कार्यालय बिकास भवन (Bikas Bhawan) के सामने जहर खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की. शिक्षकों के संगठन एकमंच के बैनर तले ये शिक्षिकाएं मंगलवार दोपहर को तबादले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही थीं. इसे लेकर पुलिस के साथ इनकी हाथापाई भी हुई. जहर खाकर आत्महत्या करने वाली शिक्षिकाओं को अस्पताल में भर्ती किया गया है. पश्चिम बंगाल के एक प्राथमिक विद्यालय शिशु शिक्षा केंद्र की पांच अनुबंधित अध्यापिकाओं ने मंगलवार को शिक्षा विभाग के मुख्यालय के बाहर कथित रूप से जहर खा लिया. ये सभी अध्यापिकाएं नौकरी से जुड़ी अपनी मांगों को लेकर शिक्षा विभाग के मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहीं थी. सभी को एक सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है.

 

यह घटना विकास भवन के सामने उस समय हुई, जब स्कूल की कुछ संविदा शिक्षिकाएं शिक्षक ओक्या मंच (शिक्षक एकता मंच) के बैनर तले अपने घरों से लगभग 600 से 700 किमी दूर दूर-दराज के क्षेत्रों में उनके कथित स्थानांतरण के खिलाफ आंदोलन कर रही थीं. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आक्रोशित शिक्षकों को तितर-बितर करने का प्रयास किया तो पांच महिला शिक्षिकाओं ने जहर की बोतल निकालकर पी लिया.

 

पुलिस के अनुसार, उनमें से तीन मौके पर ही बेहोश हो गईं. उन्हें तुरंत बिधाननगर उप-मंडल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी हालत बिगड़ने पर दो को एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जबकि अन्य को आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया गया. मंगलवार को आत्महत्या का प्रयास करने वाले पांच शिक्षकों सहित कुल 16 लोगों को कथित तौर पर राज्य सचिवालय, नबन्ना के सामने विरोध प्रदर्शन के बाद उत्तर बंगाल स्थानांतरित कर दिया गया है.

 

आंदोलनकारी शिक्षकों का क्या कहना है
संविदा शिक्षक, जो सरकारी पे-रोल में नहीं हैं, लेकिन 10,000 रुपये से 15,000 रुपये प्रति माह के बीच वेतन दिया जाता है. वे स्थायी नौकरी और वेतन में बढ़ोतरी सहित विभिन्न मुद्दों पर लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं. एक आंदोलनकारी शिक्षक ने कहा, “हम संविदा शिक्षक हैं. नई शिक्षा नीति प्रभावी हुई तो हमें रोजगार नहीं मिलेगा. हम लंबे समय से सरकार से मांग कर रहे हैं कि हमारी मांगें सुनें, लेकिन वह कोई ध्यान देने को तैयार नहीं है.” एक अन्य शिक्षक ने कहा, “हाल ही में हमने विरोध प्रदर्शन किया था और उसके बाद शिक्षकों का तबादला कर दिया गया था. .”

Tags:    

Similar News