मंजरी मंदिर में तांडव करने वाली है क्योंकि वो नहीं चाहती है कि अक्षरा बच्चे के साथ उसके घर में प्रवेश करें। मनीष अक्षरा के लिए मंदिर में पूजा रखवाता है और बिरला परिवार को भी न्योता देता है।
अभिमन्यु मनीष को यकीन दिलाता है कि सब लोग मंदिर पहुंच जाएंगे। अब मंदिर में अक्षरा सबको अपना फैसला सुनाती है कि वो अभिमन्यु से शादी के लिए तैयार है, दो बच्चों के साथ। अभिमन्यु को भी इस बात से ऐतराज नहीं है और वो दोनों बच्चों को अपनाने के लिए तैयार है।
अब मंजरी ने बवाल कर दिया है। वो दोनों के फैसले पर एतराज दिलाती है और कहती है कि तूने वादा दिया था कि रिश्ते को 100 फीसदी देगी लेकिन अब अभिनव के बच्चे साथ तू कैसे अभिमन्यु को अपना पाएगी लेकिन अक्षरा का कहना है कि शादी का फैसला दोनों का है और दोनों तैयार है।
अब मंजरी ब्रह्मास्त्र का इस्तेमाल करती है और सारी पुरानी बातों को उखाड़ देती है। वो कहती है कि पहले से ही तुम्हारा रिश्ता बहुत नाजुक रहा है और गलतफहमियों का शिकार भी।
प्यार तुम दोनों को हुआ लेकिन शादी आरोही की हो रही थी..फिर दोनों ने शादी की जिद की, परिवार वालों के खिलाफ जाकर हम लोग मान गए लेकिन हुआ क्या, तुम दोनों की शादी टूट गई..इस बार तो तुम्हारा रिश्ता और भी नाज दौर पर है।
अब मंजरी की बातों को सुनकर अक्षरा अकेले ही पूजा में बैठ जाती है। वो कहती है कि वो पहले भी अकेले चली थी और आगे भी चल सकती हैं, हालांकि अभिमन्यु उसका साथ देने के लिए तैयार है, वो मंजरी को भी पीछे रखकर अक्षरा के साथ अपना जीवन शुरू करना चाहता है।
अब पहली बार अभिमन्यु अक्षरा के लिए मंजरी का खिलाफ जाएगा और सवाल करेगा कि मेरी खुशी से ज्यादा जिद कब से हो गई है लेकिन मंजरी का कहना है कि अक्षरा बच्चे के लिए तुझे छोड़ सकती है, परिवार को छोड़ सकती है लेकिन बच्चे को नहीं।
दोनों की बातों को अभीर सुन लेता है और अब उसे लगने लगा है कि अक्षरा ही शादी नहीं करना चाहती है। वो अब अक्षरा और होने वाले बच्चे दोनों से नाराज है। मंजरी ने भी भांप लिया है कि अभीर की खुशियों के आगे तो अक्षरा को झुकना ही पड़ेगा।