आज के एपिसोड में आप देखेंगे कि एक्सीडेंट की वजह से आरोही की जान चली जाती है। आरोही की मौत से अक्षरा समेत घरवालों पर दुःख का पहाड़ टूट पड़ा है। अक्षरा खुद को आरोही की मौत का जिम्मेदार मानती है और उस दिन की पूरी कहानी उसे सुनाती है।
जिसके बाद अभिमन्यु उसे समझाता है कि जो हुआ उसमे रूही की गलती थी, अक्षरा की कोई गलती नहीं है। वो खुद को ब्लेम न करे। लेकिन अक्षरा उसकी एक भी नहीं सुनती है।
अभिमन्यु अक्षरा को रोकता है लेकिन वो परिवार के सामने ये स्वीकार कर लेती है कि आरोही की जान उसकी गलती की वजह से गई है। स्वर्णा और सुरेखा पहले से ही अक्षरा को दोषी मान रहे हैं क्योंकि उन्होंने अक्षरा को कार ड्राइव करते देखा था और यही बात सुरेखा मनीष और बाक़ी सबको बताती है।
पहले तो मनीष नहीं मानता लेकिन अक्षरा के मुंह से सुनने के बाद उसके भी पैरों तले जमीन खिसक जाती है और वो भी अक्षरा को दोषी मानने लगा है।
अभिमन्यु अक्षरा को कहता है कि वो फैमिली को सब सच बता दे कि रूही कि गलती है। जिसपर अक्षरा कहती है कि- ‘तुम क्या चाहते हो कि मैं सबको ये बता दूं कि आरोही की जान उसकी अपनी बेटी रूही की वजह से गई है।’
इसके बाद अभिमन्यु उसे समझाने की पूरी कोशिश करता है कि कोई भी रूही को ब्लेम नहीं करेगा। फैमिली इस बात को समझेगी। लेकिन अक्षरा उसे कहती है कि- ‘रूही का क्या!! उस छोटी सी बच्ची को जब पता चलेगा कि उसकी वजह से उसकी मां की जान चली गई तो क्या बीतेगी उसपर।
वो जिंदगी भर इस ट्रॉमा में जीएगी, उसके पास नील भी नहीं है, आरोही भी नहीं है, उसके पास सिर्फ तुम हो, उसके पॉपी।’ इतना कहकर अक्षरा अभिमन्यु को अपनी कसम देती है कि वो कभी भी रूही या किसी को भी ये नहीं बताएगा कि आरोही की जान रूही की वजह से गई थी।
शो के आने वाले एपिसोड में आप देखेंगे कि अक्षरा अपने बेटे अभीर के साथ उदयपुर छोड़ कर जा रही होगी। तभी रास्ते में अभिमन्यु मिलेगा। वो उससे कहेगा कि तुम अकेले जूनियर के साथ कहां जा रही हो।
अक्षरा मैं तुमसे प्यार करता हूं और तुम जहां जाओगी मैं भी चलूंगा तुम्हारे साथ। अब इसके बाद इनकी कहानी क्या मोड़ लेगी… ये तो सीरियल के आने वाले एपिसोड में ही पता चलेगा।
शो के आखिर में दिखेगा कि मालती देवी ने फिर से अनुपमा के खिलाफ चाल चली है। मालती देवी को छोटी अनु के स्कूल का स्पोर्ट्स डे इनविटेशन कार्ड दिखेगा, जहां अनुज-अनुपमा के लिए इनविटेशन होगा।
लेकिन मालती देवी इस कार्ड को छुपाने की बात सोचेगी और मन में कहेगी- 'छोटी के स्पोर्ट्स डे में मैं जाऊंगी और अगर अनुज पूछेगा तो कह दूंगा कि अनुपमा को याद ही नहीं था कि आज छोटी का फंक्शन है।' ऐसे में क्या अब अनुपमा की आंखों से गुरु मां के लिए बंधी पट्टी हटेगी?