इस साल जनवरी से अक्टूबर तक भारत में डिजिटल अरेस्ट से संबंधित 92,000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। यह एक नया प्रकार का साइबर फ्रॉड है,
जिसमें स्कैमर्स लोगों को बड़े अधिकारियों, जैसे CBI, ED, और इनकम टैक्स ऑफिसर के रूप में डराकर सोशल इंजीनियरिंग तकनीकों का उपयोग करते हैं।
स्कैमर्स लोगों को धमकाते हैं कि वे अरेस्ट हो जाएंगे, और इसके बाद संपत्ति या बैंक खाता जब्त कर लिया जाएगा।
इस डर से लोग इन स्कैमर्स के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर देते हैं, जिससे करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी हो जाती है।
गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर (I4C) ने इस कार्रवाई का नेतृत्व किया है।
I4C ने साइबर क्राइम पोर्टल पर मिली शिकायतों के आधार पर व्हॉट्सऐप से इन धोखाधड़ी वाले अकाउंट्स के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा।
मंत्रालय ने मेटा से भी संपर्क किया था, जो व्हॉट्सऐप का मालिक है, और इन अकाउंट्स को तुरंत ब्लॉक करने के लिए निर्देश जारी किए।
इस कार्रवाई का उद्देश्य स्कैमर्स द्वारा सोशल इंजीनियरिंग का इस्तेमाल करके अधिक लोगों को ठगने से रोकना है।
सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस प्रकार की धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्क रहें। यदि कोई व्यक्ति अचानक किसी बड़े अधिकारी के नाम से धमकी दे रहा हो।
तो उसे तुरंत नजरअंदाज करें और किसी भी तरह के पैसे ट्रांसफर करने से बचें। अगर आपको लगता है कि आप ठगी का शिकार हो सकते हैं।
तो तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित करें और अपनी जानकारी को सुरक्षित रखें।
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