वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा स्थल हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा में बनाना चाहिए, यह दिशा ईश्वर की कृपा के लिए सबसे शुभ मानी जाती है.
पूर्व दिशा में पूजा, ध्यान और पढ़ाई करने से व्यक्ति को मान-सम्मान, यश और दीर्घायु का वरदान मिलता है.
दीपक की लौ अगर पूर्व दिशा की ओर जलाएं तो जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और ज्ञान का संचार होता है.
पश्चिम दिशा में ध्यान और प्रार्थना करने से शनि संबंधी कष्टों से मुक्ति मिलती है, यह दिशा दुखों को हरने वाली मानी जाती है.
अगर व्यक्ति दुखी है तो पश्चिम दिशा की ओर दीपक जलाने से मानसिक शांति मिलती है.
उत्तर दिशा को धन और समृद्धि की दिशा माना गया है, इस दिशा में लक्ष्मी पूजा से आर्थिक लाभ होता है.
उत्तर दिशा की ओर मुख करके व्यवसाय या किसी शुभ कार्य की शुरुआत करना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है.
दक्षिण दिशा में हनुमान जी की उपासना से घर की अनबन, विवाद और कलह समाप्त होती है.
दक्षिण दिशा में मंगल यंत्र स्थापित करने से यम और मंगल से जुड़ी सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं.