सर्दियों में तुलसी का खासा इस्तेमाल किया जाता है। इसमें यूजेनॉल नाम का केमिकल होता है जो सर्दी, खांसी-जुकाम ठीक करने में काफी मदद करता हैं। इसकी चाय या काढ़ा पीने से हमारी छाती में जमा बलगम ढीला होकर निकल जाता है।
तुलसी में नेचुरल एंटी डिप्रेसेंट गुण है। यह तनाव को कम करती है, मूड स्विंग्स को कंट्रोल करती है और हमारी कॉग्निटिव कैपेसिटी को बढ़ाती है।
तुलसी में विटामिन सी और जिंक जैसे तत्व और एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, एंटीवायरल प्रॉपर्टीज होती हैं, जो हमारी इम्यूनिटी को बेहतर बनाती हैं।
तुलसी बेड कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड लेवल को कम करती है। लिपिड प्रोफाइल के स्तर को बेहतर रखती है, और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाती है जिससे हार्ट हेल्दी रहता है।
तुलसी दांतों को कैविटी से बचाती है, सांसों की दुर्गंध दूर करती है, मसूड़ों को स्वस्थ रखती है। साथ ही छालों से भी हमारा बचाव करती है।
यह अपच, ब्लोटिंग, गैस बनना, एसिड रिफ्लक्स, उल्टी- दस्त, खट्टी डकार आना जैसे तमाम समस्याओं को दूर करती है।
तुलसी में डाईयूरेटिक गुण होते हैं। इसके सेवन से पेशाब खुलकर आती है जिससे यूरिक एसिड , छोटे किडनी स्टोन शरीर से बाहर निकल जाते हैं।
तुलसी पुरुषों का स्टेमिना बढ़ाती है। स्पर्म क्वालिटी, क्वांटिटी और मोबेलिटी को बेहतर करती है। यह इरेक्टाइल डिस्फंक्शन को दूर करती है।
तुलसी खून को साफ करती है। एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन सी युक्त इसकी पत्तियों के सेवन से आपको दाग-धब्बों, कील-मुहांसे की समस्या से निजात मिलेगी।
तुलसी में एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं जो हमारे स्कैल्प को स्वस्थ रखते हैं। ये डैंड्रफ, खुजली, जुएं आदि से भी बचाते हैं।
तुलसी के पत्तों में पाए जाने वाले फाइटोकेमिकल्स लिवर, फेफड़ों, त्वचा और मुंह के कैंसर से बचाने में काफी असरकारक हो सकते हैं।
तुलसी का सेवन ऐसे करें
तुलसी की पत्तियों में मर्करी भी पाया जाता है इसलिये इसकी पत्तियों को चबा-चबा कर न खाएं वरना आपके दांतों को नुकसान पहुंचेगा। इसकी पत्तियों को छोटे टुकड़े कर पानी के साथ निगल जाएं या काढ़े और चाय के रूप में इसके लाभ लें।