तिल से शरीर को गर्माहट मिलती है इसलिए सर्दियों में खास तौर पर तिल का सेवन किया जाता है।
तिल में कैल्शियम की मात्रा बहुत अच्छी होती है। साथ ही फास्फोरस और मैग्नीशियम भी पाया जाता है। इसलिए इसके सेवन से हड्डियां मजबूत रहती हैं। इसके लिए 2 से 3 टेबलस्पून तिल हर दिन ज़रूर खाएं।
तिल के नियमित सेवन से कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में रहता है और हृदय संबंधी बीमारियों से बचाव होता है।
खांसी होने पर तिल और मिश्री का काढ़ा बनाकर पीने से जमा हुआ कफ निकल जाता है।
तिल न केवल अनियमित पीरियड्स की समस्या दूर करने में मदद करता है बल्कि यह पीरियड पेन को भी कम करता है।
तिल में हेल्दी फैट और प्रोटीन काफी होता है इसलिए यह एनर्जी को बूस्ट करता है।
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर तिल आपकी कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के नुकसान से बचाता है। इसलिये यह कैंसर जैसी बड़ी बीमारियों की रोकथाम में मददगार है।
तिल में भरपूर फाइबर होता है इसलिए यह पाचन स्वास्थ्य के लिए अच्छा है और कब्ज से भी राहत देता है।
तिल में जिंक होता है इसलिए यह इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मदद करता है। साथ ही पुरुषों के लिए भी लाभदायक है।
दिल में विटामिन ई भी भरपूर होता है इसलिए यह सर्दियों में आपकी त्वचा को नमी और पोषण देता है।
तिल बॉडी से विषैले पदार्थों को बाहर करने में मदद करता है इसलिए यह लिवर और किडनी की कार्य प्रणाली को बेहतर बनाता है।