अंगद गैरी से कहता है कि वो पनेशर से निकल चुका है, दिलजित गुलदस्ता सजाता है, अकीर दिलजीत से पूछता है कि क्या वह इसे उसके जन्मदिन के लिए तैयार कर रहा है, दिलजीत का कहना है, वो उसे साहिबा को देने वाला है, और कुछ बात कहने वाला है, दिलजीत अकीर से कहता है कि वो ये बात किसी को न बताए। साहिबा वहां आने वाली होती दिलजीत साहिबा को रोकता है। दिलजीत कहता है कि वो आज साहिबा से अपने दिल की बात कह देगा।