दलजीत अकीर को अश्वासन देता है कि वही इस साइकिल को उसके लिए जीतेगा, अचानक से अकीर के पैर में चोट लग जाती है, उसके पैर से खून आने लगता है, वह कहता है वो नही रुक सकता द्विंकल उसे रुकने के लिए कहती है, अचानक से अंगद दलजीत को प्रोत्साहन देता है। दलजीत चौंक जाता है।