भीड़ को लगता है कि अंगद नशे में है और इसीलिए उसने गुरुद्वारे की दीवार से टकराया। अंगद ने अपना बचाव करते हुए कहा कि वह बूढ़े व्यक्ति की रक्षा के लिए कार की ओर घूमा। भीड़ अंगद की बात नहीं सुनती और उसे पत्थरो से मारने लगती है, लेकिन साहिबा अंगद की रक्षा करने आ जाती है। अंगद ने उसे मदद करने के लिए मना किया।