दूसरी और प्रकाश सीरत का पार्सल लेकर सीरत के घर पहुंच जाता है, साहिब भी उसकी गाड़ी में वहां पहुंच जाती है, अंगद सीरत से कहता है कि तुम मेरा चेहरा बदलकर खुद को खतरे में डाल रही हो सीरत कहती है कि मैं अपने प्यार के खातिर कुछ भी कर सकती हूं। साहिबा सीरत के घर में घुसने की कोशिश करती है तभी वह अंगद का जूता देखती है।