अंगद सिमरन से मिलने अस्पताल पहुंचता है, वह सिमरन को बेहोश देखता है, दूसरी ओर दलजीत साहिबा को बताता है कि जिस व्यक्ति ने उसके साथ हाथपाई की वो बहुत अच्छा व्यक्ति था, वो अपनी बहन से बहुत प्यार करता था, जैसे वो अकीर से करता है, साहिबा का कहना है कि जब अकीर खो गया था तब दलजीत ने किसी के साथ मारपीट नही की थी साहिबा कहती है कि वह अगर उसे मिल गया तो वह उसे सबक सिखायेगी।