सर्दी जुकाम ठंड के मौसम में होने वाली बीमारी है. लेकिन कई बार गर्मी के मौसम में भी लोगों को सर्दी जुकाम हो जाता है. जिसे मेडिकल टर्म में समर कोल्ड कहते हैं.
समर कोल्ड लंबे समय के लिए रहता है या फिर ये रह-रह कर परेशान कर सकता है.
समर कोल्ड सर्द-गर्म लगने से हो जाती है. जो तापमान में होने वाले बदलाव और गैप की वजह से होता है. बदलते मौसम में शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिससे समर कोल्ड हो सकता है.
एन्टरोवायरस के कारण भी समर कोल्ड होता है. एन्टरोवायरस के कारण सांस से जुड़ी नलियों में इंफेक्शन होता है जिससे नाक बहने लगती है.
रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने पर भी लोग आसानी से समर कोल्ड की चपेट में आ सकते हैं. इसके अलावा समर कोल्ड संक्रमित व्यक्ति या वस्तु के संपर्क में आने से फैलता है.
समर कोल्ड के लक्षणों में छींक, नाक बहना या बंद नाक, खांसी होना, गले में खराश, बॉडी -मसल्स पेन, बुखार, रैशेज, सीने और गले में जकड़न आदि शामिल है.
समर कोल्ड वैसे तो ठंड के दिनों में होने वाले जुकाम जैसा होता है लेकिन उमस और गर्मी की वजह से इसमें डिहाइड्रेशन का खतरा अधिक रहता है.
समर कोल्ड का उपचार किसी भी अन्य समय में होने वाली सर्दी की तरह ही होता है. बस थोड़ी ज्यादा ध्यान रखने की आवश्यकता होती है
समर कोल्ड होने पर डॉक्टर द्वारा दी गयी दवा तो लेनी ही चाहिए इसके अलावा कुछ घरेलु नुस्खे समर कोल्ड रामबाण हो सकते हैं
समर कोल्ड में लाल प्याज, शहद, लहसुन, हर्बल टी, हल्दी वाला दूध, दालचीनी वाला पानी, अदरक वाली चाय, अदरक वाला गर्म पानी काफी असरदार होता है.
हल्दी में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो इम्यून पावर को मजबूत करते हैं. तो ऐसे में समर कोल्ड में सर्दी-जुकाम और गले के इंफेक्शन को दूर करने के लिए हल्दी के पानी और नमक से गरारे करने चाहिए.
समर कोल्ड में बॉडी डीहाइड्रेट हो जाता है ऐसे में भरपूर पानी पीना चाहिए. ताकि बॉडी हाइड्रेटेड रहे. साथ ही भरपूर आराम लें.
समर कोल्ड से जल्द आराम पाने के लिए ह्यूमिडिफायर, सेलाइन नेज़ल स्प्रे और नेति पॉट जल्द राहत पाने में मदद कर सकते हैं.
समर कोल्ड से बचने के लिए विटामिन सी से भरपूर फलों और टैबलेट्स का सेवन करे.
ग़र्मी में सर्दी-जुकाम से बचना है तो घर के बाहर से आकर तुरंत ठंडा पानी न पिएं और न ही सीधे ठंडे पानी से नहाये. साथ ही AC में न बैठे.
तेज धुप रहने पर घर के बाहर सिर ढककर निकलें ताकि धुप सीधे सिर पर न पड़े.
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