नामी कथावाचक और मोटिवेशनल स्पीकर जया किशोरी सलाह देती हैं कि माता-पिता को अपने बच्चों को कभी खानदान का नाम खराब न करने का वास्ता नहीं देना चाहिए।

जया किशोरी कहती हैं कि इससे बच्चे के मन में डर बैठ जाता है और वे छोटे-छोटे स्टैप लेने से भी डरने लगते हैं। और कहीं उनसे छोटी-मोटी गलती हो जाए तो वे घबरा जाते हैं।
उन्हें लगता है उनके पेरेंट्स उनसे निराश हो जाएंगे। ऐसे में वे गलती ढंकने के लिए बाहर वालों की सलाह लेते हैं।
बाहर की दुनिया मौके का फायदा उठाती है और वे एक दुश्चक्र में फंस जाते है। मता-पिता को बच्चे को इतनी हिम्मत देनी चाहिए कि वे अपनी गलती घर में आकर बता सके। क्योंकि माता-पिता ही बच्चे को सही सलाह देंगे।
जया किशोरी कहती हैं कि अपनी इज्ज़त का वास्ता देने के बजाय बच्चों को फ्रीडम दें। जिससे वे अपने सपनों की उड़ान भर सकें। यह आपकी सुझाई लाइन से अलग है तो होने दें।
जया किशोरी कहती हैं कि बच्चों को भी इज्ज़त दें। उनकी हर बात में गलती ढूंढने और खुद को सही बताने की कोशिश तुरंत छोड़ दें।
जया किशोरी कहती हैं कि बच्चों को चैलेंजेस फेस करने दें, न कि उन्हें रोकें कि वे ऐसा नहीं कर पाएंगे क्योंकि वे इस नई चीज़ के बारे में कुछ नहीं जानते हैं। चैलेंजेस ही उन्हें मेंटली, फिज़िकली और इमोशनली ग्रो करने का मौका देंगे।
जया किशोरी कहती हैं कि समय की कमी का हवाला देकर बच्चों की बातें अवाॅइड न करें। बल्कि उन्हें ध्यान से सुनें और हल्के-फुल्के अंदाज में सलाहें भी देते चलें, जो आगे उनके बहुत काम आएंगी।
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