अम्मा जी अलका से बोलती हैं की तुम एक कमरे के लिए लड़ रही हो फिर सभी को जलने की बदबू आती हैं और उन्हें पता लगता हैं कि कमरे में आग लग गई हैं। सूर्या इमली से बोलता हैं कि यह ही मेरा समधान हैं। सूर्या इमली को उसके ऊपर पेंटिंग गिरने से बचाता हैं। अम्मा जी सबको आगे बुझाने के लिए बोलती हैं, सूर्या इमली को अपनी बाहों में उठाकर बाहर लाता हैं। अम्मा जी गोविंद से डॉक्टर को बुलाने के लिए बोलती हैं, अम्मा जी निर्मला से बोलती हैं कि यह आपका घर हैं आप कहीं भी रह सकती हों। अम्मा जी ने अलका से कहती हैं कि कोई तुम्हें बेघर नहीं कर रहा हैं तुम यहां ही रहोगी। अम्मा जी अलका से बोलती हैं कि अगर तुम सामान्य कमरे में रहना चाहती हो तो रह सकती हों। अम्मा जी सभी से अब इस बारे में बात करने से मना करती हैं।