आज टीवी सीरियल में आप देखेंगे कि, कियान सबके सामने ये जताता है कि उसे अब कोई डर नहीं लगता, क्योंकि उसके पापा उसे बचा लेंगे।
ऐसे में कियान बस की स्टीयरिंग हाथ में ले लेता है और खुद ड्राइव करना शुरू कर देता है। कियान की वजह से बस में बैठे बाकी बच्चों की जान खतरे में आ जाती है।
सई ये बात तुरंत सवि को बताती है, जिससे वो घबरा जाती है। लेकिन सई के हाथ से फोन छूट जाता है और टीचर फोन उठाकर सवि को जानकारी देती है कि कियान बस चला रहा है।
दूसरी ओर आशका और रजत भी कियान की हरकतों से बेचैन हो जाते हैं। सवि किसी तरह से तेज रफ्तार में कार चलाकर बस तक पहुंचती है और अपनी कार से बस को किनारे करने की कोशिश करती है।
लेकिन इन सबमें सवि की कार खाई की चोटी पर अटक जाती है और उसमें फंसे होने के कारण सवि की जान पर खतरा मंडराता है।
शो में आप आगे देखेंगे कि, दूसरी ओर रजत वक्त पर पहुंचता है और एक-एक कर सभी बच्चों को बाहर निकालता है। रजत सबसे पहले कियान को जोरदार तमाचा मारता है और सवि को ढूंढते हुए वो उसकी कार के पास पहुंचता है।
रजत देखता है कि सवि कार में फंसी हुई है और उसकी जान पर खतरा मंडरा रहा है। लेकिन रजत हार नहीं मानता। वो किसी न किसी तरह से कार से सवि को बाहर निकालता है और उसकी जान बचाता है।
सवि के निकलते ही कार खाई में गिर जाती है। सवि के कार से बाहर निकलते ही रजत उसे गले से लगा लेता है। दोनों एक-दूजे के गले लगकर खूब रोते हैं।
इस बीच उन्हें एहसास होता है कि वे एक-दूजे के बगैर नहीं रह सकते और उन्हें एक-दूसरे से प्यार हो गया है।
रजत कियान को इस बार बचाने का नहीं बल्कि सुधारने का फैसला करता है। रजत तय करता है कि वो कियान को सुधारगृह भेजेगा, जहां उसकी अक्ल ठिकाने आए।