बढ़ती उम्र में एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी के कारण महिलाओं को यौन समस्याएं, वजाइना में लुब्रिकेशन की कमी, थकान, गर्मी लगना, अनिद्रा, मासिक धर्म का न आना, स्तनों का ढीलापन, ऑस्टियोपोरोसिस, हार्ट डिसीज़ जैसी अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
एस्ट्रोजन की कमी को दूर करने के लिए सोयाबीन और सोया उत्पाद जैसे टोफू, सोया बड़ी, सोया मिल्क आपके लिए बहुत फायदेमंद होंगे।
विभिन्न तरह की फलियों और छोले, मूंगफली में आइसोफ्लेवोन्स होते हैं।
ये एस्ट्रोजन बढ़ाते हैं और मीनोपाॅज के बाद होने वाली समस्याएं, हृदय रोग और स्तन कैंसर के जोखिम को कम कर सकते हैं।
पत्ता गोभी, ब्रोकोली, गाजर, आलू, पालक, शकरकंद जैसी सब्जियों मे रेस्वेराट्रोल पाया जाता है। फाइटोएस्ट्रोजेन से भरपूर ये सब्जियाँ आपके लिए बेहद फायदेमंद होंगी।
सनफ्लावर सीड्स फाइटोएस्ट्रोजेन से भरपूर होते हैं। आप इनका सेवन बढ़ा सकती हैं।
लहसुन भी फाइटोएस्ट्रोजेन से भरपूर होते हैं। आप हर दिन एक से दो कली लहसुन का सेवन अपनी डाइट में जरूर करें।
तिल में अच्छी मात्रा में फाइटोएस्ट्रोजेन के साथ-साथ कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम जैसे अन्य पोषक तत्व होते हैं जो आपके लिए फायदेमंद होंगे।
ऐसे फल जो फाइटोएस्ट्रोजन से भरपूर हैं, उन्हें अपनी डाइट में शामिल कीजिए जैसे सेब, अनार, अंगूर आदि।
आप अपनी डाइट में ब्राउन राइस, क्विनोआ, जई, चने आदि साबुत अनाज के साथ गेहूं का दलिया भी शामिल कर सकती हैं।
साबुत अनाज में भी लिग्नान प्रचुर मात्रा में होता है, जो एक प्रकार का फाइटोएस्ट्रोजन है।
अलसी के बीजों में लिग्नान की अच्छी मात्रा होती है, ये आपके शरीर द्वारा फाइटोएस्ट्रोजेन में परिवर्तित हो जाते हैं।