Chaitra Navratri 2024: कब से शुरू हो रही है चैत्र नवरात्रि, जानिए घटस्थापना का शुभ मुहूर्त, तिथि और महत्व...
Chaitra Navratri 2024: सनातन धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार साल में चार नवरात्रियां, चैत्र नवरात्रि, शारदीय नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रियां पड़ती हैं। गुप्त नवरात्रि की पूजा सिद्धि प्राप्ति के लिए साधू-संन्यासियों द्वारा मनाई जाती है, जबकि चैत्र नवरात्रि एवं शारदीय (आश्विन मास) नवरात्रि की प्रतिपदा को कलश-स्थापना एवं मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापना कर उनका आह्वान किया जाता है।
इसके साथ नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ विभिन्न स्वरूपों (शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंद, माता कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री) की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल 2024, मंगलवार से शुरू होकर 18 अप्रैल 2024, गुरूवार तक मनाई जाएगी। जानते हैं, चैत्र नवरात्रि में कलश-स्थापना, एवं नौ दिनों की पूजा के बारे में...
कलश स्थापना, अखंड ज्योति एवं शैलपुत्री की पूजा:-
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त पर कलश स्थापना करते हैं, इसके पश्चात मूर्ति स्थापना एवं अखंड ज्योति प्रज्वलित करते हैं।अब माता दुर्गा का आह्वान एवं प्राण-प्रतिष्ठा करते हैं, इसके पश्चात शैलपुत्री की पूजा की जाती है।
चैत्र नवरात्रि प्रतिपदा कलश स्थापना शुभ मुहूर्त
उदया तिथि के अनुसार 09 अप्रैल 2024 को चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा की पूजा की जाएगी
नौ दिवसीय माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा का शेड्यूल
चैत्र नवरात्रि दसमी (18 अप्रैल 2024, गुरुवार) को माँ दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन कर नवरात्रि का समापन किया जाता है। चैत्र नवरात्रि में महाष्टमी 16 अप्रैल 2024 को है। नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा होती है। चैत्र शुक्ल अष्टमी तिथि 15 अप्रैल 2024 को दोपहर 12.11 मिनट पर शुरु होकर 16 अप्रैल 2024 को दोपहर 01.23 तक रहेगी। सुबह का मुहूर्त - सुबह 09.08 - दोपहर 01.58 रात का मुहूर्त - रात 08.11 - रात 09.34
चैत्र नवरात्रि की महानवमी 17 अप्रैल 2024 को है। इस दिन देवी की 9वीं शक्ति मां सिद्धिदात्री की उपासना होती है। चैत्र शुक्ल नवमी तिथि 16 अप्रैल 2024 को दोपहर 01.23 से 17 अप्रैल 2024 को दोपहर 03.14 तक रहेगी। इसी दिन नवमी तिथि के समापन पर व्रत पारण किया जाएगा।
चैत्र नवरात्रि का महत्व
न दो दिनों में माता की आराधना करने वालों के सुख, शक्ति, तेज, बल, आत्मविश्वास और ऊर्जा में वृद्धि होती है। चैत्र नवरात्रि की महानवमी पर राम नवमी यानी श्रीराम का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है।